नई दिल्लीः राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने अपनी प्रमुख योजना आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के तहत अक्टूबर 2022 में तेजी से ओपीडी पंजीकरण के लिए स्कैन और शेयर सेवा शुरू की है और पांच महीने के भीतर यह सेवा शुरू की गई है. इसे 365 अस्पतालों की ओर से अपनाया गया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी.


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क्यूआर-कोड-आधारित तत्काल पंजीकरण सेवा ने भाग लेने वाले अस्पतालों के ओपीडी पंजीकरण क्षेत्रों में प्रतीक्षा समय को काफी कम करके 5 लाख से अधिक रोगियों को समय बचाने में मदद की है.


पांच लाख से ज्यादा लोगों ने उठाया फायदा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने अपने ट्वीट में एबीडीएम के तहत त्वरित और कतार-रहित ओपीडी पंजीकरण की प्रशंसा की, 'आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत पांच लाख से अधिक रोगियों ने स्कैन और शेयर सेवा का इस्तेमाल करके तेजी से ओपीडी पंजीकरण का लाभ उठाया. इसके पांच महीने के भीतर लॉन्च के बाद सेवा को देश भर के 365 अस्पतालों की ओर से अपनाया गया है.'


क्यूआर कोड स्कैन कर सकते हैं पंजीकरण
भाग लेने वाले अस्पताल, सरकारी और निजी दोनों, रोगी पंजीकरण क्षेत्रों में अपने क्यूआर कोड प्रदर्शित करते हैं. मरीज अपनी पसंद के किसी भी स्वास्थ्य एप्लिकेशन का उपयोग करके क्यूआर कोड को स्कैन कर सकते हैं और अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली के साथ अपना आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (एबीएचए) प्रोफाइल साझा कर सकते हैं. यह पेपर-लेस पंजीकरण को सक्षम बनाता है और इस तरह तत्काल टोकन जनरेशन करता है.


मरीजों का बचता है समय
मंत्रालय ने कहा, 'यह रोगी का समय बचाता है और स्वास्थ्य सुविधा पंजीकरण के लिए तैनात संसाधनों की आवश्यकता को अनुकूलित करने में सक्षम है. रोगी के स्वास्थ्य रिकॉर्ड भी उनके एबीएचए से डिजिटल रूप से जुड़े होते हैं, जिसे वे कभी भी कहीं भी अपने फोन से प्रबंधित और एक्सेस कर सकते हैं.'


इस सर्विस इनोवेशन के पीछे के विजन के संबंध में एनएचए के सीईओ आर.एस. शर्मा ने कहा, 'स्कैन एंड शेयर सेवा इस बात का एक विशिष्ट उदाहरण है कि रोगियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने और सिस्टम दक्षता में सुधार करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ कैसे उठाया जा सकता है.' 


बकौल शर्मा, 'गोद लेने में वृद्धि के साथ रोगी पंजीकरण को सहज, निर्बाध और आसान बनाया जा सकता है. हमारा ध्यान एबीडीएम-सक्षम डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के प्रभाव को अधिकतम करने के लिए हितधारकों के साथ मिलकर काम करना है.'


(इनपुटः आईएएनएस)


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