नई दिल्ली: Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करने वाली है. बजट को लेकर देशभर में लोगों को कई उम्मीदें रहती हैं. हमारे देश में बजट पेश करने को लेकर भी एक बड़ा रोचक इतिहास है. बता दें कि साल 1973 में पेश किए गए बजट को इतिहास में 'ब्लैक बजट' के नाम से भी जाना जाता है. चलिए जानते हैं इससे जुड़ा किस्सा. 


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क्या होता है ब्लैक बजट 
साल 1973 में देश में पहली बार ब्लैक बजट पेश किया गया था. ब्लैक बजट उस बजट को कहा जाता है, जिसमें सरकार को आय के हिसाब से ज्यादा खर्चा करना पड़ता है. आसान भाषा में कहें तो अगर सरकार की आय 1000 रुपये है, लेकिन उसका खर्चा 1,500 रुपये हो तो उसे ब्लैक बजट कहा जाता है. यह बजट 1973 में देश के तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत राव बी चव्हाण ने पेश किया था. उस समय इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री बनी थीं. 


ब्लैक बजट का कारण 
साल 1973 में बजट पेश करते समय वित्त मंत्री यशवंत राव बी चव्हाण ने अपने भाषण में बताया था कि देश में सूखा पड़ने, कम बारिश होने और साल 1971 में  भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध के कारण देश की आर्थिक स्थिति काफी खराब हुई है, जिसका असर बजट में काफी पड़ा था. तत्कालीन वित्त मंत्री की ओर से पेश किए गए इस बजट में 550 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा दिखाया गया था. इसलिए इसे ब्लैक बजट कहा जाता है. बता दें कि यह बजट अभी तक सिर्फ एक बीर ही पेश किया गया है. इसमें देश को आर्थिक संकट से निकालने की भरपूर कोशिश की गई. 


ब्लैक बजट में किया गया था ये ऐलान 
1973 में पेश किए गए इस ब्लैक बजट में सरकार ने अपनी आय बढ़ाने के लिए भारतीय कॉपर कॉरपोरेशन, सामान्य बीमा कंपनियां और कोयला खदानों के राष्ट्रीयकरण का ऐलान किया था. इसके लिए सरकार की ओर से लगभग 56 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था.


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