नई दिल्ली:  Chandipura Virus: कुछ साल पहले दुनियाभर में कोरोना वायरस ने हाहाकार मचाया था. वहीं अब चांदीपुरा नाम के एक नए वायरस ने देश में दस्तक दी है. गुजरात के हिम्मतनगर अस्पताल में इस वायरस से अबतक 6 लोगों की मौत हो चुकी है. चांदीपुरा वायरस को लेकर गुजरात के हेल्थ मिनिस्टर ऋषिकेश पटेल का कहना है कि इससे डरने की नहीं बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत है. 


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क्या है चांदीपुरा वायरस?
चांदीपुरा वायरस एक बेहद ही खतरनाक और दुलर्भ पैथोजन है. यह फ्लू, दिमाग में सूजन और बुखार का कारण बन सकता है. यह RNA वायरस मुख्य रूप से सेंडफ्लाई, मच्छर और टिक्स के जरिए फैलता है. यह सबसे ज्यादा मादा फ्लेबोटोमाइन मक्खी और मच्छर में पाए जाने वाले एडीज के कारण फैलता है. आमतौर पर यह संक्रमण बरसात के मौसम में दिखता है.   


कितना खतरनाक है चांदीपुरा वायरस? 
चांदीपुरा वायरस की गिरफ्त में आने पर व्यक्ति को सबसे पहले तेज बुखार आता है. इसके अलावा उसे बार-बार उल्टी आना, दस्त होना और दौरे पड़ने की समस्या हो सकती है. कई मामलों में इस वायरस का पता न लगने पर पीड़ित की मौत भी हो सकती है. 


चांदीपुरा वायरस का इतिहास 
साल 1966 में महाराष्ट्र के चांदीपुर इलाके में सबसे पहले इस वायरस की पुष्टि की गई थी. इसी कारण से इस वायरस का नाम चांदीपुरा वायरस पड़ा. इसके बाद साल 2004-2006 और साल 2019 में महाराष्ट्र, गुजरात और आंध्र प्रदेश में यह रिपोर्ट किया गया था.  


कैसे करें बचाव? 
चांदीपुरा वायरस से बचने के लिए सबसे पहले खुद को मच्छर से बचाएं. इसके अलावा अपने घर के आस-पास सफाई रखें. खासतौर पर अपने बच्चों को मच्छर से जरूर बचाएं. वैसे तो चांदीपुरा वायरस का कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन समय रहते इसका पता लगने पर इलाज के जरिए इसे ठीक किया जा सकता है. 


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