नई दिल्ली: China Pneumonia: चीन में बच्चों में फैले रहस्यमयी बुखार ने दुनियाभर में हड़कंप मचाया हुआ है. कोई इस बुखार को रहस्मयी बुला रहा है तो कई मेडिकल एक्सपर्ट इसे वायरस का कॉकटेल नाम दे रहे हैं. चीन के आधिकारिक बयान के मुताबिक ये कई तरह के वायरस का अचानक एक साथ हुआ हमला है जिसने लोगों को बीमार किया है  


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चीन में इस वक्त ये वायरस फैले हैं 


रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस 
ये अपर रेस्पिरेट्री सिस्टम पर हमला करने वाला वायरस है. सांस की नली से इसका इंफेक्शन शुरु होता है. ये वायरस 2-6 साल के कम उम्र के बच्चों को संक्रमित करता है. 


एडिनोवायरस
ये कॉमन फ्लू यानी साधारण खांसी जुकाम और बुखार की वजह बनता . ये रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट यानी हमारी सांस की नली पर हमला करता है. 


माइकोप्लाज्मा निमोनिया
ये एक बैक्टीरिया का इंफेक्शन है. इसे वॉकिंग निमोनिया भी कहा जाता है. ये भी ड्रॉपलेट इंफेक्शन है यानी यह खांसने छींकने से फैल सकता है. इसके इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स दवाएं दी जाती हैं. 


ये सब एक साथ फैले हों तो मरीज को एक से ज्यादा वायरस एक साथ अटैक कर सकते हैं इसे cocktail of virus या पैथोजन मिक्सिंग कहा जाता है. इसके शिकार मरीज अस्पतालों में भर्ती करने पड़ सकते हैं. 


भारत में तैयारी 
एक्सपर्ट के मुताबिक भारत में भी दीवाली के बाद से फ्लू के अलग अलग वायरस लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं लेकिन उसकी वजह एयर पॉल्यूशन और सर्दियों का मौसम है. इन वायरस की पहचान के लिए ब्लड टेस्ट और कोरोना की तरह नेजल स्वैब का सैंपल लेकर RTPCR टेस्ट किया जा सकता है. स्टार इमेजिंग लैब के निदेशक डॉ समीर भाटी के मुताबिक अभी हर आयु वर्ग के केस आ रहे हैं, लेकिन कुछ लोग टेस्ट करवाने में देरी कर देते हैं जिससे तब तक मरीज गंभीर निमोनिया की चपेट में आ जाता‌‌ है. इससे बचना चाहिए. 


पल्मनरी मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ  आशीष जायसवाल के मुताबिक चीन से फिलहाल कोई मौत रिपोर्ट नहीं हुई है, लेकिन चीन पर सूचनाएं छिपाने और वायरस को लैब में बनाने के गंभीर आरोप पहले लग चुके हैं इसलिए अलर्ट रहना जरूरी है.  


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