नई दिल्लीः डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एसोसिएशन (DGCA) ने बुधवार 17 जनवरी को स्पाइसजेट और एयर इंडिया पर कार्रवाई करते हुए 30-30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. DGCA ने यह जुर्माना खराब मौसम में पायलट्स की ड्यूटी लगाने में हुई लापरवाही को लेकर लगाया है. DGCA की मानें, तो दिसंबर 2023 में खराब मौसम की वजह से दिल्ली एयरपोर्ट पर लगभग 60 फ्लाइट्स लेट हुई थीं. इनमें अधिकतर फ्लाइट्स एयर इंडिया और स्पाइसजेट की थीं. 


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CAT-3 पायलटों को नहीं दी विमान उड़ाने की जिम्मेदारी
DGCA का कहना है कि मौसम खराब होने के बावजूद भी एयर इंडिया और स्पाइसजेट ने CAT-3 की ट्रेनिंग ले चुके पायलट को ड्यूटी पर नहीं लगाया. इस दौरान दोनों एयरलाइंस ने फ्लाइट्स उड़ाने की जिम्मेदारी उन पायलटों को सौंपी, जो CAT-3 की ट्रेनिंग नहीं किए थे. इसी वजह से फ्लाइट्स की उड़ान में लेट हुईं या उन्हें डायवर्ट करना पड़ा. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर CAT-3 ट्रेनिंग क्या होती है. 


जानें क्या होती है CAT-3 ट्रेनिंग
CAT-3 ट्रेनिंग फ्लाइट्स के पायलट को दी जाने वाली एक प्रमुख ट्रेनिंग है. इसे कैटेगरी-3 ट्रेनिंग भी कहा जाता है. इस तरह की ट्रेनिंग पायलट को खराब मौसम और विषम परिस्थितियों में भी फ्लाइट्स की सुरक्षित लैंडिंग कराने के लिए दी जाती है. इस ट्रेनिंग में एडवांस ऑटोपायलट, ग्राउंड इक्विपमेंट और प्रिसिशन इंस्ट्रूमेंट अप्रोच शामिल होता है. इस तरह की ट्रेनिंग प्राप्त पायलट कम विजिबिलिटी में भी फ्लाइट की लैंडिंग आसानी से करा सकते हैं. 


दिल्ली एयरपोर्ट पर हैं कुल 4 रनवे
CAT-3 टेकऑफ के दौरान पायलट को यह बताता है कि उसे कब और किस एंगल पर फ्लाइट को एलिवेट करना है और किस एंगल पर नीचे उतारना है. दिल्ली एयरपोर्ट पर कुल 4 रनवे हैं. इनमें से 2 रनवे पर CAT-3 नेविगेशन सिस्टम हैं. इस रनवे पर केवल वे ही पायलट फ्लाइट ऑपरेट कर सकते हैं, जिन्होंने CAT-3 की ट्रेनिंग ली हो. 


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