नई दिल्ली. आने वाले समय में देश में विमानन कंपनियों यानी की एयरलाइन कंपनियों का विस्तार देखने को मिल सकता है. दरअसल आने वाले दिनों में देश में तीन और एयरलाइन कंपनियों का ऑप्शन मिल सकता है. इससे घरेलू हवाई यात्रियों को सुविधाओं में और इजाफा होने की उम्मीद है. साथ ही हो सकता है कि बढ़ते कॉम्पटीशन के चलते हवाई यात्रियों के लिए लगने वाले किराये में भी कटौती कर दी जाए. 


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डीजीसीए ने दी मंजूरी


नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने हाल ही में तीन कंपनियों को परिचालन के लिए मंजूरी दी है. नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा, ‘‘डीजीसीए ने हाल ही में, अनुसूचित यात्री हवाई परिवहन सेवाओं को पूरा करने के लिए जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड, एसएनवी एविएशन प्राइवेट लिमिटेड (आकाश एयर) और जीएसईसी मोनार्क एण्ड डेक्कन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड (इंडियावन एयर) को विमान परिचालन प्रमाणपत्र जारी किए हैं. 


आने वाले वक्त में बढ़ेगी पायलटों की डिमांड


सिंधिया ने कहा कि 2014 से पहले डीजीसीए द्वारा समेकित रूप से जारी किए गए पायलट लाइसेंस की संख्या 28,599 थी और आज की तिथि के अनुसार यह संख्या 40,276 है. उन्होंने हालांकि कहा कि पायलटों की मांग, यात्रियों की संख्या तथा विमानन कंपनियों द्वारा विमानों के बेड़े के विस्तार पर निर्भर करती है. उन्होंने कहा कि बेड़े के पूर्वानुमान को देखते हुए महसूस किया गया है कि भारत को अगले पांच वर्षों में प्रति वर्ष लगभग 1000 पायलटों की आवश्यकता हो सकती है. 


बढ़ेगी हवाई अड्डों की संख्या


उन्होंने बताया कि 2014 में 74 हवाई अड्डों पर परिचालन हो रहा था और अब यह संख्या बढ़कर 142 हो गई है. उन्होंने कहा कि हवाई अड्डा क्षमता को बढ़ाना एक सतत प्रक्रिया है और आगामी पांच वर्षों में सरकार की योजना 220 हवाई अड्डों पर परिचालन करने की है. सिंधिया ने कहा कि विमानों के बेड़े में 2014 से पहले 410 विमान थे जो 25 जुलाई 2022 की स्थिति के अनुसार 686 है. 


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