पैनिक अटैक और दिल का दौरा, जानें दोनों में है क्या अंतर
पैनिक अटैक और दिल का दौरा दोनों ही आजकल के समय में सबसे बड़ी समस्या हैं और बहुत से छोटे बच्चे भी इस तरह की समस्याओं से परेशान हैं. लेकिन पैनिक अटैक और दिल का दौरा दो अलग-अलग परिस्थितियां हैं, जिनके समान लक्षणों के कारण लोग हमेशा पैनिक अटैक को दिल का दौरा समझ कर गलत इलाज कराने लगते हैं.
नई दिल्ली. पैनिक अटैक डर या चिंता से सीने में अचानक उठने वाला दर्द है , जो कई मिनट या उससे अधिक समय तक रहता है. पैनिक अटैक के बेसिक लक्षणों में शामिल हैं.
- सीने में दर्द या बेचैनी
- दिल की धड़कन तेज होना या तेज घबराहट
- सांस लेने में तकलीफ
- पसीना आना या ठंड लगना
- कांपना या शरीर सुन्न पड़ जाना
- उल्टी, मिचली आना या पेट दर्द
- चक्कर आना या आंखो के सामने अंधेरा छाना
- हाथ या पैर सुन्न होना या झुनझुनी होना
- मरने का डर सताना
पैनिक अटैक बहुत दर्द भरे होते हैं, लेकिन यह बहुत खतरनाक नहीं होते. हालांकि, अगर आप पहली बार इन लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो किसी डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
दिल का दौरा
दिल का दौरा एक इमरजेंसी है, इसका कारण हृदय में खून का प्रवाह रुक जाने के कारण होता है. कभी–कभी हृदय में खून के थक्के जमने के कारण भी यह हो सकता हैं .
- सीने में दर्द या बेचैनी
- पीठ, गर्दन, जबड़े या पेट में दर्द
- सांस लेने में कठिनाई
- मिचली या उल्टी
- चक्कर आना या बेहोशी होना
पैनिक अटैक जीवन के लिए खतरा नहीं होते हैं लेकिन सचेत रहना बहुत जरूरी है क्योकिं पैनिक अटैक डिप्रेशन के शुरुआती लक्षण भी हो सकते हैं. वही दिल का दौरा मौत का कारण भी बन सकता है, दिल का दौरे के मरीज को तुरन्त अस्पताल लें जायें. अगर आप अपने लक्षणों के बारे में अच्छे से नहीं पहचान कर पा रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह अवश्य लें.
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