समुद्र किनारे खोदा गया गड्ढा बन सकता है मौत का कुआं, जानें कैसे जा सकती है जान?
रेत का साइज उसके मटीरियल के हिसाब से अलग-अलग होता है. रेत किस तरह की है ये इससे बनने वाली सामग्रियों से पता लगाया जा सकता है. सिलिकॉन डाइऑक्साइड से बनने वाली रेत को क्वार्ट्ज सैंड कहा जाता है.
नई दिल्ली: लोगों को समुद्र तट और बीच में हॉलीडे मनाना बेहद पसंद होता है. खासतौर पर बच्चों को समुद्र किनारे गड्ढा खोदकर उसमें खेलना बेहद पसंद होता है. यह एक फन एक्टिविटी भी मानी जाती है, हालांकि शायद ही आप जानते होंगे की बीच में गड्ढा खोदना आपके लिए मौत का कुआं भी बन सकता है.
ढह सकती है रेत
अगर आप बीच में ज्यादा गहरा गड्ढा खोदते हैं तो यह किसी इंसान पर गिर भी सकता है. इससे बचना बेहद ही मुश्किल हो जाता है. कोस्टल साइंस रिसर्चर स्टीफन लीथरमैन पिछले कई सालों से समुद्र तटों की स्टडी कर रहे हैं. ' द कन्वर्सेशन' से उन्होंने बातचीत में बताया कि फरवरी 2024 में 7 साल की एक लड़की और उसके भाई ने 5 फुट का गड्ढा खोदा, जो उनके उपर ढह गया. इसमें दबने से दोनों बच्चों की मौत हो गई.
रेत का भूरा रंग
समुद्र के रेत का साइज उसके मटीरियल के हिसाब से अलग-अलग होता है. ये 0.0025 से 0.08 इंच तक हो सकती हैं. रेत किस तरह की है ये इससे बनने वाली सामग्रियों से पता लगाया जा सकता है. सिलिकॉन डाइऑक्साइड से बनने वाली रेत को क्वार्ट्ज सैंड कहा जाता है. ज्यादातर बीच में रेत मिनरल के मिक्सचर से बने रहते हैं, जिस कारण से इसका रंग भूरा होता है.
कैसे मौत का कुआं बन सकती है रेत?
सूखी रेत को एक जगह इकट्ठा करने पर यह 33 डिग्री में ढेर बनाता है. गीली रेत को एक जगह पर आराम से इकट्ठा किया जा सकता है क्योंकि पानी और रेत के कणों के बीच सतही तनाव एक दूसरे को आपस में चिपकाते हैं. वहीं रेत सूखी होने पर यह ढह जाती है क्योंकि तब इसके सतह में कोई तनाव नहीं रहता है. ऐसे में गड्ढा खोदने पर जब तक रेत नम रहती है तब तक यह स्थिर होती है. नमी खत्म होते ही यह सूखकर ढह जाता है. ऐसे में रेत का गड्ढा खोदकर इसके अंदर लंबे समय तक बैठने से आप इसमें दब सकते हैं, जिससे आपकी जान को खतरा हो सकता है.
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