Dream Science: अगर बुरे सपने करते हैं परेशान तो ऐसे करें उपाय, तुरंत होगा फायदा
Dream Science:जब भी हम सोते हैं तो आपको सपने आते हैं लेकिन आज तक इसके पीछे का विज्ञान क्या है किसी को नहीं पता है. कुछ रिसर्चर्स का मानना है कि सपने हमारे दिमाग की वो कल्पना होती है जो हमारे दिमाग की गहराइयों में दबी होती हैं तो वहीं पर कुछ का दावा होता है कि ये हमारे अल्टरनेट यूनिवर्स के विचार हैं जो हमारा दूसरा हिस्सा अनुभव करता है.
Dream Science:जब भी हम सोते हैं तो आपको सपने आते हैं लेकिन आज तक इसके पीछे का विज्ञान क्या है किसी को नहीं पता है. कुछ रिसर्चर्स का मानना है कि सपने हमारे दिमाग की वो कल्पना होती है जो हमारे दिमाग की गहराइयों में दबी होती हैं तो वहीं पर कुछ का दावा होता है कि ये हमारे अल्टरनेट यूनिवर्स के विचार हैं जो हमारा दूसरा हिस्सा अनुभव करता है. हालांकि इन दावों के पीछे की सच्चाई किसी को नहीं पता है.
कंट्रोल नहीं कर सकते सपनों का आना
इसके बावजूद हम कई बार अच्छे और बुरे सपनों का अनुभव करते हैं और इन सपनों का हमारे भविष्य पर क्या असर पड़ सकता है इसके बारे में समुद्र शास्त्र में बताया गया है. कई बार हमारे आस-पास के लोग भयानक सपनों का अनुभव करते हैं जिनमें से कुछ के जल्दी खत्म हो जाते हैं तो कुछ को ये अनुभव बार-बार होता है.
इस दौरान लोगों की सांसे तेज हो जाना, ठंडा पसीना आना और नींद का खुल जाना वो आम लक्षण हैं जो कि डरावने सपने देखने वाले को महसूस होते हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जब हमें सपनों के पीछे का विज्ञान ही नहीं पता तो क्या इसे रोक पाना संभव है.
अगर अपनाए ये उपाय तो कम हो जाएगा बुरे सपनों का खतरा
इसके जवाब में स्लीप कंसलटेंट मैरीन टेलर ने बताया कि यह संभव है और आप इसके जरिए सपनों को कंट्रोल तो नहीं कर सकते लेकिन इन तकनीकों का इस्तेमाल कर उन्हें बुरे से अच्छे सपनों में तब्दील करने की संभावना को बढ़ा सकते हैं.
टेलर का मानना है कि कोई भी इंसान सोने से पहले जितना ज्यादा अपने दिमाग को सक्रिय रखता है उसके सोने के बाद बुरे सपने आने की उतनी अधिक संभावना हो जाती है. अगर आप बुरे सपनों से बचना चाहते हैं तो सोने से पहले थ्रिलर, हॉरर शोज देखने से बचें तो वहीं पर कम से कम इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों का इस्तेमाल करें. सोने से पहले गर्म पानी से शॉवर लें तो वहीं पर हल्का संगीत सुनते हुए ब्रीथिंग एक्सरसाइज पर जोर दें.
स्ट्रेस और एंजाइयटी से बढ़ता है बुरे सपनों का खतरा
मैरीन का मानना है कि बुरे सपनों के पीछे आपके अंदर का स्ट्रेस और एंजाइयटी अहम भूमिका निभाती हैं, ऐसे में अगर आप स्ट्रेस और एंजायटी को कंट्रोल कर लें तो बुरे सपने भी कम हो जाएंगे. इसे कम करने के लिए ज्यादा से ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करें जिससे एंडॉर्फिन रिलीज होगा और मूड सही रहेगा. इसके अलावा एरोमाथेरेपी लें, संगीत सुनें, किताब पढ़ें और परिवार-दोस्तों के साथ अधिक समय बिताएं.
सोने के कमरे और खाने में रखें इस बात का ध्यान
इसके साथ ही मैरीन ने सोने के कमरे की खासियत बताई और कहा कि सोने के लिए आप जिस कमरे का इस्तेमाल करें उसमें ध्यान रखें कि वहां पर शांति हो, अच्छे से अंधेरा होता हो और अच्छी नींद के लिए सारी चीजें उपलब्ध हों. ऐसा होने से नींद जल्दी और अच्छी आती है और दिमाग को सोने के बाद सक्रिय रहने से रोकती है.
मैरीन ने खाने को लेकर भी हिदायत दी और कहा कि सोने से पहले कैफिन उत्पाद या शराब का सेवन न करें क्योंकि ये दोनों ही दिमाग को सक्रिय रखते हैं और नींद की क्वालिटी को खराब करते हैं.
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