नई दिल्ली. नौकरीपेशा लोगों के लिए एक अच्छी खबर है. नौकरीपेशा लोगों के लिए पेंशन को मैनेज करने वाली संस्था ईपीएफओ शेयर बाजार में निवेश की सीमा को बढ़ाने का फैसला ले सकती है. मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो 29 और 30 जुलाई को होने वाली ईपीएफओ की बैठक में शेयर बाजार और इससे संबंधित निवेश की सीमा को 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी तक किया जा सकता है. 


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ईपीएफओ खाताधारकों को दिया जाएगा ज्यादा ब्याज


बता दें कि, ईपीएफ बोर्ड ने हाल ही में 2021-22 वित्त वर्ष के लिए ईपीएफ रेट को 8.5 फीसदी से घटाकर 8.1 फीसदी करने का फैसला किया था. जिस वजह से ईपीएफओ अपने निवेशकों को ज्यादा रिटर्न देने के लिए ईपीएफओ बोर्ड शेयर बाजार में निवेश की सीमा को बढ़ाने का पर फैसला ले सकती है. लोकसभा में एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए श्रम एवं रोजगार कहा कि, सीबीटी की उप-समिति एफआईएसी ने इक्विटी और इक्विटी संबंधित निवेश सीमा को 5-15 फीसदी से बढ़ाकर 5-20 फीसदी की सिफारिश की है. 


हालांकि, मजदूर संगठन ईपीएफओ के शेयर बाजार में निवेश की सीमो को बढ़ाने का विरोध करते रहे हैं. उनका तर्क है कि इस निवेश पर सरकार की गारंटी नहीं होती है जिससे निवेशकों को नुकसान हो सकता है. 


ईपीएफओ की ऑडिट कमेटी पहले ही दे चुकी है मंजूरी


बता दें कि, ईपीएफओ की फाइनैंस इंवेस्टमेंट एंड ऑडिट कमिटी ने शेयर बाजार में निवेश की लिमिट को बढ़ाकर 20 फीसदी तक करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके अलावा ईपीएफओ पर अपने निवेशकों को ज्यादा ब्याज देने का भी दवाब है वो भी तब जब ईपीएफओ ने मार्च 2022 में 2021-22 के लिए ईपीएफ रेट को घटाकर 4 दशक में सबसे कम 8.1 फीसदी कर दिया है. यही वजह है कि शेयर बाजार में निवेश ईपीएफओ बढ़ा सकती है जिससे वो ज्यादा रिटर्न कमा सके और ईपीएफओ खाताधारकों को ज्यादा ब्याज दे सके. 


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