नई दिल्ली. रिटायर हो चुके नौकरीपेशा लोगों के लिए पेंशन व्यवस्था को मैनेज करने वाली संस्था ईपीएफओ ने अब देश भर के लाखों पेंशनभोगियों के लिए एक नई सुविधा शुरू की है. ईपीएफओ द्वारा लगभग 73 लाख पेंशनभोगियों को डिजिटल रूप से जीवन प्रमाण पत्र दाखिल करने के लिए एक खास तरह की सुविधा दी जा रही है. 


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फेस रिकग्नीशन की सुविधा


बता दें कि ईपीएफओ द्वारा लाखों पेंसनभोगियों को लाइफ सर्टिफिकेट यानी जीवन प्रमाम पत्र दाखिल करने के लिए चेहरा पहचान सुविधा (फेस रिकग्नीशन फैसेल्टी) का लाभ दिया जा रहा है. 


ईपीएफओ द्वारा शुरू की गई इस सुविधा से उन पेंशनभोगियों की मदद मिलेगी, जिन्हें जीवन प्रमाण पत्र दाखिल करने के लिए वृद्धावस्था के कारण अपने बायो-मेट्रिक्स (फिंगरप्रिंट और आइरिस) से मिलान करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. 


पेंशन पाने के लिए जरूरी हा जीवन प्रमाण पत्र


बता दें कि, पेंशन का लागातार लाभ लेते रहने के लिए जीवन प्रमाण पत्र को जमा करना अनिवार्य है. जीवन प्रमाण पत्र के जरिए ही पेशनभोगियों द्वारा जीवित होने का प्रमाण दिया जाता है. बता दें कि, ईपीएफओ द्वारा शुरू की गई फेस रिकग्नीशन सुविधा का लाभ पेंशनभोगियों द्वारा कहीं से भी उठाया जा सकता है. 


कैकुलेटर की भी फैसेल्टी


केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने पेंशनभोगियों के लिए चेहरा प्रमाणीकरण तकनीक यानी फेस रिकग्नीशन सुविधा को हरी झंडी दे दी है. इसके साथ ही श्रम मंत्री ने पेंशन और कर्मचारी जमा से जुड़ी बीमा योजना कैलकुलेटर भी लॉन्च किया है. 


इस कैलकुलेटर के जरिए पेंशनभोगियों और परिवार के सदस्यों को पेंशन के अलावा मृत्यु से जुड़े बीमा लाभ की गणना करने की ऑनलाइन सुविधा मिल सकेगी. इसके साथ ही श्रम मंत्री ने ईपीएफओ की प्रशिक्षण नीति भी जारी की है. इसका मकसद ईपीएफओ के अधिकारियों और कर्मचारियों को एक सक्षम, उत्तरदायी और भविष्य के लिए तैयार माहौल के रूप में विकसित करना है. 


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