नई दिल्ली: हेल्दी लाइफस्टाइल जीने के लिए नियमित एक्सरसाइज सबसे ज्यादा जरूरी है. इससे हमारी बॉडी तो फिट रहती है साथ ही हमारा तनाव भी कम होता है. नियमित एक्सरसाइज करने से हम ज्यादा लंबे समय तक भी जी सकते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक्सरसाइज करने का सबसे सही समय क्या है? 


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एक्सरसाइज को लेकर हुई रिसर्च 
'द सन' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया की 'सिडनी यूनिवर्सिटी' में हेल्दी रहने के लिए एक्सरसाइज करने का सबसे सही समय जानने के लिए एक रिसर्च की गई. 8 साल की इस रिसर्च में मोटापे से ग्रसित 30 हजार लोगों को शामिल किया गया. रिसर्च में सामने आया कि नियमित शाम के समय एक्सरसाइज करने से 61प्रतिशत लोगों में हृदय रोग और जल्दी मौत होने के खतरा टल सकता है. 


रिसर्च के दौरान प्रतिभागियों को उनके एक्सरसाइज करने के हिसाब से 4 हिस्सों में बांटा गया. 


एरोबिक्स ( दिनभर में औसतन 3 मिनट ) 
मॉर्निंग एक्सरसाइज ( सुबह 6 बजे से दोपहर तक) 
आफ्टरनून एक्सरसाइज( दोपहर से शाम 6 बजे तक) 
ईवनिंग एक्सरसाइज ( शाम 6 बजे से रात 12 बजे तक ) 


रिसर्च में हुआ ये खुलासा 
सभी प्रतिभागियों की एक्सरसाइज को 24 घंटे तक हाथ में पहनने वाली डिवाइस से मॉनिटर किया गया. इसके साथ ही 'नेशनल हेल्थ सर्विस' और स्कॉटलैंड के नेशनल रिकॉर्ड डाटा का इस्तेमाल करके रिसर्चर्स ने सभी प्रतिभागियों का लगभग 8 साल तक हेल्थ चेक किया. इस पूरी अवधि में रिसर्चर्स ने 1,424 लोगों की मृत्यु, 3,980 लोगों में हृदय रोग और 2,162 लोगों में माइक्रोवास्कुलर डिसफंक्शन घटनाएं देखीं. बता दें कि माइक्रोवास्कुलर डिसफंक्शन एक तरह की हार्ट डिजीज है, जिसममें सबसे छोटी रक्त वाहिका डैमेज होती है.  


रिसर्च में बाकी समय के मुकाबले शाम के समय एक्सरसाइज करने वालों में ये रिजल्ट देखे गए: 


किसी भी कारण से मौत होने का खतरा 61 प्रतिशत कम  
हृदय रोग का खतरा 36 प्रतिशत कम 
 माइक्रोवास्कुलर डिजीज का खतरा 24 प्रतिशत कम  


शाम की एक्सरसाइज निकली ज्यादा असरदार 
रिसर्च में सुबह और दोपहर की एक्सरासइज को शाम की एक्सरसाइज के मुकाबले कम असरदार देखा गया, हालांकि सुबह के समय एक्सरासइज करने वालों में भी 33 प्रतिशत किसी भी कारण से मौत होने का खतरा और  17 प्रतिशत हृदय रोग का खतरा कम था. इसके अलावा दोपहर के समय एक्सरसाइज करने वालों में 40 प्रतिशत किसी भी कारण सो मौत होने का खतरा कम था. वहीं उनमें हृदय रोग होने का खतरा 16 प्रतिशत कम था. 


रिसर्च को लेकर 'सिडनी यूनिवर्सिटी' में एक्सरसाइज फिजियोलॉजी की लेक्चरर डॉक्टर एंजेलो सबाग ने कहा,' एक्सरसाइज किसी भी तरह के मोटापे का एकमात्र समाधान नहीं है, लेकिन यह रिसर्च बताती है कि जो लोग दिनभर में एक निश्चित समय पर किसी एक्टिविटी की योजना बनाते हैं वे इन तरह के हेल्थ रिस्क के खतरे से दूर हो सकते हैं.'  


Disclaimer: यहां दी गई जानकारी रिसर्च  पर आधारित है, लेकिन Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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