Gold Shopping: सोना खरीदते वक्त इन बातों का रखें ध्यान, नहीं होगा नुकसान
सोने (गोल्ड) की खरीदारी के वक्त अक्सर लोग कई सावधानियों को अपनाते हैं. लेकिन इसके बावजूद भी कुछ नियम ऐसे हैं जिसको जानना बेहद जरूरी होता है.
नई दिल्लीः सोने (गोल्ड) की खरीदारी के वक्त अक्सर लोग कई सावधानियों को अपनाते हैं. लेकिन इसके बावजूद भी कुछ नियम ऐसे हैं जिसको जानना बेहद जरूरी होता है. अगर आपको सोना खरीदता वक्त इन नियमों का पता हो तो फिर आपको कभी कोई नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा. तो आइए जानते हैं कि आखिर किन नियमों और सावधानियों को अपनाना चाहिए.
गोल्ड की शुद्धता और बिलिंग जैसे दूसरे नियमन के लिए ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) नियम तय करता है. BIS कहता है कि आपको हॉलमार्क ज्वैलरी ही खरीदनी चाहिए और खरीदने के बाद ज्वैलर से ऑथेंटिक बिल या रसीद लेनी चाहिए. ये किसी भी ग्राहक के लिए बेहद जरूरी कदम है. अगर आपको आपके गोल्ड के सामान में कोई दिक्कत आती है तो फिर ये रसीद आपके बहुत काम आएगी.
बिल में होनी चाहिए ये जानकारी
BIS के मुताबिक, आपके बिल में हालमार्क ज्वैलरी की जानकारी होनी चाहिए. जितने आइटम हैं, उनकी संख्या, सबका अलग-अलग वजन, कैरेट की जानकारी, हॉलमार्क की जानकारी होनी चाहिए. आपके बिल में आर्टिकल का नाम, जैसे अंगूठी खरीदी है तो अंगूठई. साथ ही उसका वजन, प्योरिटी कितनी है. इसके साथ कैरेट के हिसाब से गोल्ड का मौजूदा रेट, मेकिंग चार्ज, हॉलमार्क चार्ज और जीएसटी वगैरह, कुल इसमें होना चाहिए.
अगर आपके गोल्ड ज्वैलरी में अलग से कोई स्टोन वगैरह लगा है तो ज्वैलर को अलग से बिल में इसकी जानकारी देनी होगी. स्टोन कितनी है, कौन सा है, इसका वजन क्या है, जैसी जानकारियां इसमें होनी चाहिए.
अगर आपको गोल्ड की शुद्धता को लेकर शंका है तो BIS आपको इसकी प्योरिटी चेक कराने की सुविधा भी देता है. आप BIS से समर्थित किसी भी एसेंइग एंड हॉलमार्किंग सेंटर (A&H Center) पर जाकर इसे चेक करा सकते हैं. आपको इसके लिए टेस्टिंग चार्ज देना होगा.
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