नई दिल्ली. भारत में कोरोना के मामले एक बार फिर चिंताजनक रूप से बढ़ रहे हैं. कोरोना की रोकथाम के मद्देनजर पूरे देश में एक बड़ी मॉक ड्रिल की जा चुकी है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को महामारी के 7633 नए मामले सामने आए हैं. इससे देश में एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 61 हजार से ज्यादा हो चुकी है. इस बीच यह जानकारी भी मिली है कि कोरोना नए वैरिएंट्स XBB.1.5 यानी Kraken और  XBB.1.16 यानी  Arcturus में प्रतिरोधक क्षमता को चकमा देने की क्षमता है. 


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यह जानना जरूरी है कि इंसानी प्रतिरोधक क्षमता को चकमा दे सकने में सक्षम नए कोविड वैरिएंट्स कितने खतरनाक साबित हो सकते हैं? हालांकि समाचार एजेंसी पीटीआई ने सरकारी सूत्रों के हवालों से कहा है कि देश में कोरोना के बढ़ते मामलों की संख्या 10-12 दिनो में ढलने लगेगी. यह देश में अब एक स्थानिक बीमारी बनकर रह जाएगा. 


म्यूटेशन के साथ प्रतिरोधक क्षमता को चकमा देने की ताकत कैसे बढ़ती है?
एक न्यूज़ वेबसाइट से बातचीत में डॉ. गोपी कृष्ण येड्लापति ने कहा है कि वायरस लगातार म्यूटेट करते हैं. जब भी वायरस में म्यूटेशन होता है तो उसके आकार-प्रकार और स्वभाव में भी परिवर्तन देखने को मिलता है. किसी भी वायरस के नए म्यूटेशन को वैरिएंट कहा जाता है. नए वैरिएंट्स म्यूटेशन के साथ अपने स्वभाव में परिवर्तन कर सकते हैं जैसे संक्रामक क्षमता बढ़ना या कम होना. 


प्रतिरोधक क्षमता को चकमा दे सकने का मतलब है कि नया वैरिएंट इंसानी शरीर को बचाने वाले रक्षा तंत्र को चकमा दे सकता है. कोरोना के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता मुख्य रूप से तीन वजहों से तैयार हुई है. पहला, प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता, दूसरा, पहले हुए कोविड संक्रमण से बनी इम्यूनिटी और तीसरा वैक्सीन से बनी हुई इम्यूनिटी. 


प्रतिरोधक क्षमता को चकमा देने से टेस्ट रिजल्ट पर हो सकता है असर
प्रतिरोधक क्षमता को चकमा देने वाले म्यूटेंट की वजह से कोरोना टेस्ट के नतीजे गलत आ सकते हैं. यानी आपको संक्रमण होने के बावजूद टेस्ट रिजस्ट निगेटिव आएगा. ऐसी स्थिति में आपका संक्रमण वक्त बीतने के साथ ज्यादा गंभीर हो सकता है. 


वैक्सीन कितनी मदद करती है
सभी कोविड वैक्सीन लोगों में कोरोना का संक्रमण गंभीर होने से रोकती हैं. संक्रमित व्यक्ति के अस्पताल में भर्ती होने की आशंका भी काफी हद तक हो जाती है. लेकिन म्यूटेशन के कारण कोरोना संक्रमण होने का खतरा लोगों में बना रहता है. प्रतिरोधक क्षमता को चकमा देने वाले वैरिएंट्स इस स्थिति को थोड़ा और गंभीर बनाते हैं. यानी वैक्सीन आपके संक्रमण को गंभीर होने से तो रोक लेगी लेकिन ऐसे नए वैरिएंट्स के कारण गलत टेस्ट नतीजों की वजह से संक्रमण ज्यादा दिन ठहर सकता है या थोड़ा गंभीर हो सकता है.  


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