Income Tax: अंतरिम बजट में टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं, जानें नई और पुरानी कर व्यवस्था में कितना टैक्स बचा सकते हैं?
Interim Budget 2024 Income Tax Slab Highlights: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में अंतरिम बजट पेश किया. परंपरा के मुताबिक यह लोकलुभावन अंतरिम बजट नहीं था. यह चुनावी साल है इसलिए अंतरिम बजट पेश किया गया. हालांकि मध्यम वर्ग को सरकार से उम्मीद थी कि अंतरिम बजट में टैक्स में कुछ राहत दी जाएगी लेकिन वित्त मंत्री ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की. उन्होंने कहा कि टैक्स स्लैब में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. आयात शुल्क समेत सभी रेट पहले की तरह ही रहेंगे.
नई दिल्लीः Interim Budget 2024 Income Tax Slab Highlights: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में अंतरिम बजट पेश किया. परंपरा के मुताबिक यह लोकलुभावन अंतरिम बजट नहीं था. यह चुनावी साल है इसलिए अंतरिम बजट पेश किया गया. हालांकि मध्यम वर्ग को सरकार से उम्मीद थी कि अंतरिम बजट में टैक्स में कुछ राहत दी जाएगी लेकिन वित्त मंत्री ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की. उन्होंने कहा कि टैक्स स्लैब में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. आयात शुल्क समेत सभी रेट पहले की तरह ही रहेंगे.
कुछ पुराने मामले लिए जाएंगे वापस
वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट भाषण के दौरान कहा कि बीते पांच वर्षों में करदाताओं की सुविधाएं बढ़ाई गई हैं. टैक्सपेयर्स का बड़ा योगदान रहता है इसलिए उनका धन्यवाद देती हूं. हालांकि इस दौरान उन्होंने एक बड़ा ऐलान यह किया कि कुछ बहुत पुराने टैक्स मामले वापस लिए जाएंगे. इन मामलों को वापस लेने से करीब 1 करोड़ टैक्सपेयर्स को फायदा होगा.
क्या हैं इनकम टैक्स की दरें
देश में इनकम टैक्स के दो रिजीम हैं. एक पुराना और एक नया. सरकार का फोकस नए टैक्स रिजीम को लेकर ज्यादा है इसलिए इसमें छूट भी ज्यादा दी गई है. जहां ओल्ड टैक्स रिजीम में रिबेट के साथ 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है वहीं न्यू टैक्स रिजीम में यह राहत 7 लाख रुपये तक की सालाना आय पर है. हालांकि इसमें 50 हजार रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन अलग से दिया जाता है. इससे नौकरीपेशा लोगों को 7.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है.
पुराने टैक्स व्यवस्था में मिलती हैं छूटें
न्यू टैक्स रिजीम में सरकार टैक्स डिडक्शन और छूट नहीं देती है जबकि ओल्ड टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत डेढ़ लाख रुपये तक की आय पर छूट मिलती है. इसके अलावा अन्य टैक्स छूट का लाभ भी पुरानी आयकर व्यवस्था के तहत लिया जा सकता है.
वहीं पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत सेक्शन 87ए में 5 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स मुफ्त होती है. वहीं नई टैक्स व्यवस्था में 7.5 लाख रुपये तक की आय कर मुक्त है.
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