नई दिल्लीः देश में केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षक संकाय के 6,549 पद रिक्त हैं, जिनमें से अनुसूचित जाति श्रेणी में 988 पद, अनुसूचित जनजाति श्रेणी में 576 पद और अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में 1,761 पद रिक्त हैं. केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार की ओर से लोकसभा में पेश आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. 


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4,807 पदों पर चल रही चयन प्रक्रिया
लोकसभा में राजीव प्रताप रूडी के प्रश्न के लिखित उत्तर में शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने सोमवार को ब्योरा रखा. रूडी ने पूछा था कि क्या संपूर्ण देश के विभिन्न कॉलेजों में कई स्थायी संकाय पद रिक्त हैं और अगर हैं तो इसका ब्योरा दिया जाए. मंत्री ने बताया कि 4,807 पदों को भरने के लिए विज्ञापन दिया गया है और चयन प्रक्रिया चल रही है.


अनुसूचित जाति श्रेणी में खाली हैं 988 पद
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री की ओर से लिखित जवाब में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 1 अप्रैल 2022 की स्थिति के अनुसार, देश में केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों की संख्या 6,549 है, जिनमें अनुसूचित जाति श्रेणी में 988 पद, अनुसूचित जनजाति श्रेणी में 576 पद और अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में 1,761 पद, सामान्य श्रेणी में 2,252 पद, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग श्रेणी में 628 पद और निशक्त जनों की श्रेणी में 344 पद रिक्त हैं. 


डीयू में खाली हैं टीचर्स 900 के पद
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में शिक्षक संकाय के 900 पद रिक्त हैं, जिनमें से अनुसूचित जाति श्रेणी में 138 पद, अनुसूचित जनजाति श्रेणी में 70 पद और अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में 244 पद, सामान्य श्रेणी में 311 पद, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग श्रेणी में 93 पद और निशक्त जनों की श्रेणी में 44 पद रिक्त हैं. 


जेएनयू में खाली हैं 326 पद
वहीं, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में शिक्षक संकाय के 326 पद रिक्त हैं, जिनमें से अनुसूचित जाति श्रेणी में 61 पद, अनुसूचित जनजाति श्रेणी में 43 पद और अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में 105 पद, सामान्य श्रेणी में 64 पद, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग श्रेणी में 32 पद और निशक्त जनों की श्रेणी में 21 पद रिक्त हैं. 


जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में शिक्षक संकाय के 223 पद रिक्त हैं. शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि रिक्तियों का होना और उन्हें भरा जाना एक सतत प्रक्रिया है. सेवानिवृति, त्यागपत्र और छात्रों की बढ़ी हुई संख्या के कारण अतिरिक्त आवश्यक्ताओं के परिणामस्वरूप रिक्तियां उत्पन्न होती हैं. 


शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए अपना रहे उपाय
उन्होंने बताया कि संस्थान शिक्षक संकाय की कमी को दूर करने के लिए विभिन्न उपाय अपना रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्रों का अध्ययन प्रभावित नहीं हो. सुभाष सरकार ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने सभी केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थानों से 5 सितंबर 2021 से शुरू होकर एक वर्ष की अवधि में मिशन के रूप में रिक्तियों को भरने का अनुरोध किया है. अगस्त 2021 से केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 4,807 पदों के लिये विज्ञापन दिया गया है जिसके लिये चयन प्रक्रिया चल रही है.


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