NCERT recommendation on textbooks: स्कूली पाठ्यक्रम (School Curriculum) को संशोधित करने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा गठित सामाजिक विज्ञान की एक उच्च-स्तरीय समिति ने पाठ्यपुस्तकों (Textbooks) में 'इंडिया' नाम को 'भारत' से बदलने की सिफारिश की है. साथ ही इसकी जानकारी देते हुए समिति के अध्यक्ष सीआई इस्साक (CI Issac) ने यह भी कहा कि पाठ्यक्रम में प्राचीन इतिहास के स्थान पर 'शास्त्रीय इतिहास' को शामिल करना चाहिए.


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इस्साक ने कहा कि सात सदस्यीय समिति द्वारा दी गई सर्वसम्मत सिफारिश का उल्लेख सामाजिक विज्ञान पर उसके अंतिम स्थिति पेपर में किया गया है, जो नई NCERT पाठ्यपुस्तकों के विकास की नींव रखने के लिए एक प्रमुख निर्देशात्मक दस्तावेज है.


विष्णु पुराण में भारत नाम
बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 1(1) में पहले से ही लिखा हुआ है कि 'इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा.' भारत एक सदियों पुराना नाम है. इस्साक ने कहा, 'भारत नाम का उपयोग विष्णु पुराण जैसे प्राचीन ग्रंथों में मिलता है, जो 7,000 साल पुराना है.'


'भारत' नाम का इस्तेमाल हो
उन्होंने कहा, 'इंडिया शब्द का प्रयोग आमतौर पर ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना और 1757 में प्लासी के युद्ध के बाद ही किया जाने लगा.' इस्साक ने कहा कि इसलिए, समिति ने सर्वसम्मति से सिफारिश की है कि सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए पाठ्यपुस्तकों में 'भारत' नाम का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.


भारत नाम पहली बार आधिकारिक तौर पर तब सामने आया जब सरकार ने राष्ट्रपति द्वारा आयोजित G20 आमंत्रणों को 'President of India' के बजाय 'President of Bharat' के नाम से भेजा. बाद में नई दिल्ली में शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेमप्लेट पर भी इंडिया की जगह 'भारत' लिखा हुआ था.


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