नई दिल्ली: भारतीय मूल के शोधकर्ता अंकुर गुप्ता और उनकी टीम ने एक नई टेक्निक की खोज निकाली है. इसके जरिए एक इलेक्ट्रॉनिक कार को 10 मिनट और फोन या खराब लैपटॉप को 1 मिनट के अंदर चार्ज किया जा सकता है. उनकी यह रिसर्च 'जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज' में पब्लिश हुई है.  


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इन डिवाइसेज को मिलेगा फायदा 
रिसर्च में पता लगाया गया कि कैसे आयन नाम के छोटे चार्ज पार्टिकल्स माइक्रोस्कोपिक पोर्स के जटिल नेटवर्क के अंदर चलते हैं. अमेरिका के 'कोलोराडो बोल्डर यूनिवर्सिटी' में केमिकल और बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर अंकुर गुप्ता ने कहा, 'इस सफलता से 'सुपरकैपेसिटर' जैसे ज्यादा कुशल एनर्जी स्टोरेज डिवाइसेज के विकास को बढ़ावा मिल सकता है.'


समय बचाएगी टेक्निक 
अंकुर गुप्ता ने आगे कहा, 'यह नई खोज वाहनों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में एनर्जी स्टोरेज के लिए ही नहीं बल्कि पावर ग्रिड के लिए भी जरूरी है, जहां एनर्जी की मांग में उतार-चढ़ाव के कारण समय बचाने और उच्च मांग के दौरान शीघ्र कुशल भंडारण की जरूरत होती है.' 'उन्होंने कहा, सुपरकैपेसिटर, ऊर्जा भंडारण उपकरण अपने छेदों में आयन कलेक्शन पर निर्भर करते हैं. यह बैटरी की तुलना में तेज चार्जिंग समय और लंबे जीवन काल वाले होते हैं.' 


कैसे करेगा काम? 
शोधकर्ताओं का मानना है कि उनकी इस खोज से बैटरी में हजारों इंटरकनेक्टेड होल्स के जरिए आयन का फ्लो बढ़ेगा, जिससे बैटरी तेजी से बढ़ेगी. बता दें कि इस रिसर्च से पहले भी इलेक्ट्रिक कारों के नई बैटरी टेक्नोलॉजी को लेकर रिसर्च सामने आ चुकी है. इलेक्ट्रिक कारों को3 श्रेणियों में चार्ज किया जाता है, जिसमें ट्रिकल चार्ज, AC चार्ज और DC शामिल है. 


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