`अब फोन पर नहीं आएगी फेक कॉल या एसएमएस`, इस नई टेक्नोलॉजी पर काम करा रहा ट्राई
Fake Call: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए अन्य नियामकों के साथ एक संयुक्त कार्ययोजना पर काम कर है. इसके तहत लोगों को अवांछित कॉल और संदेशों (एसएमएस) का पता लगाने के लिए विभिन्न प्रौद्योगिकियों पर काम किया जा रहा है.
नई दिल्ली: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए अन्य नियामकों के साथ एक संयुक्त कार्ययोजना पर काम कर है. इसके तहत लोगों को अवांछित कॉल और संदेशों (एसएमएस) का पता लगाने के लिए विभिन्न प्रौद्योगिकियों पर काम किया जा रहा है.
यूजर्स की प्राइवेसी को इफेक्ट कर रहे फेक कॉल्स
ट्राई ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि अनपेक्षित वाणिज्यिक संचार (यूसीसी) या अवांछित कॉल, एसएमएस जनता के लिए असुविधा का एक प्रमुख स्रोत हैं और यह व्यक्तियों की गोपनीयता को प्रभावित करता है. दूरसंचार नियामक ने कहा, ‘‘अब ऐसी गैर-पंजीकृत टेलीमार्केटिंग इकाइयों (यूटीएम) के खिलाफ शिकायतें दर्ज की जाती हैं, जिनके मामले में यूसीसी एसएमएस में उछाल देखा गया है. साथ ही यूसीसी कॉल भी उन चिंताओं में से एक हैं जिनसे यूसीसी एसएमएस के साथ समान रूप से निपटने की आवश्यकता है.’’
फेक कॉल्स को इस टेक्नोलॉजी से रोकने का प्रयास
ट्राई के ताजा बयान के अनुसार, ‘‘ट्राई कई हितधारकों के साथ मिलकर यूटीएम से भी यूसीसी की जांच के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है. इनमें कृत्रिम मेधा (एआई) का उपयोग करते हुए यूसीसी का पता लगाने की प्रणाली का कार्यान्वयन जैसे कदम शामिल है.’’ गौरतलब है कि ट्राई ने अवांछित एसएमएस और कॉल को रोकने के लिए दूरसंचार वाणिज्यिक संचार ग्राहक प्राथमिकता विनियम, 2018 भी जारी किया था.
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