Solar Energy Subsidy in UP: सोलर एनर्जी से जगमगाएगा यूपी, किसानों को 70% सब्सिडी मिलेगी
Solar Energy Subsidy in UP: यूपी सरकार ने अपनी सोलर पॉलिसी के तहत अगले पांच सालों का लक्ष्य तय किया है. इस लक्ष्य के तहत अगले पांच सालों के दौरान प्रदेश में 22 हजार मेगावाट सोलर एनर्जी के उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य में सौर ऊर्जा को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है. यूपी सरकार ने अपनी सोलर पॉलिसी के तहत अगले पांच सालों का लक्ष्य तय किया है. इस लक्ष्य के तहत अगले पांच सालों के दौरान प्रदेश में 22 हजार मेगावाट सोलर एनर्जी के उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है.
अगले पांच सालों के लिए लागू हुई सोलर पॉलिसी
उत्तर प्रदेश सरकार की सौर नीति-2022 के तहत अगले पांच साल में 22 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है. इसमें सौर पार्कों की स्थापना के माध्यम से 14,000 मेगावाट, आवासीय क्षेत्रों में रूफटॉप सौर परियोजनाओं के माध्यम से 4,500 मेगावाट, गैर-आवासीय रूफटॉप परियोजनाओं के माध्यम से 1,500 मेगावाट और पीएम कुसुम योजना के माध्यम से 2,000 मेगावाट का उत्पादन शामिल है.
सरकारी इमारतों पर भी लगेगा सेलर सिस्टम
यूपी सोलर पॉलिसी-2022 पांच साल के लिए लागू होगी. इसके तहत केंद्र से वित्तीय सहायता के अलावा, राज्य सरकार के 15,000 रुपये प्रति किलोवाट, अधिकतम 30 हजार रुपये प्रति उपभोक्ता तक के योगदान को मंजूरी दी गई है. सरकारी भवनों और सभी शिक्षण संस्थानों को नेट मीटरिंग सिस्टम पर रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने की अनुमति दी गई है.
इन लोगों को मिलेगी 70 फीसदी तक सब्सिडी
पृथक कृषि फीडर कुसुम सी-2 के सोलराइजेशन के लिए नीति में 50 लाख रुपये प्रति मेगावॉट वायबिलिटी गैप फंडिंग का प्रावधान है. निजी ऑन-ग्रिड पंप के सोलराइजेशन के लिए मुसहर, वनटांगिया और अनुसूचित जाति के किसानों के लिए 70 प्रतिशत की सब्सिडी और अन्य किसानों के लिए 60 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की गई है. पॉलिसी के पांच साल के दौरान कुल 1,000 करोड़ रुपए दिए जा सकते हैं.
सरकार देगी जमीन
पॉलिसी में बिजली खरीद समझौते, यूटिलिटी स्केल सौर ऊर्जा परियोजनाओं, स्टैंड-अलोन बैटरी सिस्टम और 4 घंटे की क्षमता वाले 5 मेगावाट से अधिक की भंडारण प्रणाली के साथ-साथ 2.5 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट की सब्सिडी दी गई है. सरकारी उपक्रमों द्वारा ग्राम पंचायत अथवा राजस्व भूमि पर सोलर पार्कों की स्थापना हेतु 30 वर्ष के लिए एक रुपये प्रति एकड़ प्रतिवर्ष की दर से तथा निजी क्षेत्र की कम्पनियों को 30 वर्ष तक 15 हजार रुपये प्रति एकड़ भूमि उपलब्ध करायी जायेगी. खरीदी या लीज पर ली गई जमीन पर स्टांप शुल्क में 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी, जबकि सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने वाले संयंत्रों को 10 साल के लिए बिजली शुल्क से छूट दी जाएगी.
यह भी पढ़ें: 7th pay commission: 48 हजार रुपये तक बढ़ जाएगी सैलरी, 80 हजार रेलवे कर्मचारियों का होगा प्रमोशन
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.