नई दिल्ली: Non Alcoholic Fatty Liver: आज के समय में खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी डाइट लोगों को कई तरह की बीमारियों की ओर धकेल रही है. इन दिनों डायबिटीज-किडनी स्टोन के अलावा जो समस्या काफी ज्यादा बढ़ रही है वो है फैटी लिवर. 'द सन' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों का मानना है कि हर पांच में से 1 व्यक्ति नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर की समस्या से ग्रसित है. 


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रिसर्च में हुआ खुलासा 
ब्रिटेन की ''ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी' की ओर से गई एक हेल्थ रिसर्च में पाया गया कि 20 साल से ज्यादा उम्र के लोग फैटी लिवर की समस्या से प्रभावित हो रहे हैं. इसको लेकर शोधकर्ताओं ने साल 1991- 1992 के बीच ब्रिस्टल में पैदा हुए हजारों बच्चों की हेल्थ का विश्लेषण किया. इस दौरान 16, 24 और 30 साल की आयु वाले लोगों के लिवर का अल्ट्रासाउंड स्कैन किया गया और पाया कि सभी बच्चों के मुकाबले हर 40 में से 1 यानी 2.5 प्रतिशत 17 साल की उम्र  वाले बच्चों में फैटी लिवर के लक्षण थे. वहीं 24 साल की उम्र में यह बढ़कर 5 में से यानी 20 प्रतिशत हो गया था. इसके अलावा हर 40 में से 1 व्यक्ति को लिवर फाइब्रोसिस की समस्या थी. इस समस्या में लिवर में सूजन हो जाती है, यह लिवर फेल होने का कारण भी बन सकता है.  


शुरुआत में नहीं पता लगते लक्षण 
'BBC'की एक रिपोर्ट के मुताबिक फैटी लिवर के बढ़ते मामलों को देखते हुए रिसर्च टीम व्यसकों से इस बीमारी का परीक्षण करवाने के लिए आगे आने को कह रहे हैं. शोधकर्ताओं ने पिछले 3 दशकों में नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर के बढ़ते मामलों को लेकर चेतावनी भी दी है. बता दें कि नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर तब होता है जब बिना अल्कोहल का सेवन किए ही व्यक्ति के लिवर में फैट की मात्रा बढ़ने लगती है. आमतौर पर यह समस्या मोटापे से ग्रसित लोगों में देखने को मिलती है.  नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर के लक्षण शुरुआत में जल्दी पता नहीं लग पाते हैं, हालांकि समय के साथ  यह और भी घातक होने लगता है. इससे लिवर पूरी तरह डैमेज हो सकता है. 


जानलेवा हो सकती है लिवर की बीमारी 
रिसर्च को लेकर 'ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी' में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड केयर रिसर्च के क्लिनिकल लेक्चरर डॉ कुशल अबेसेकेरा ने कहा,' नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर के शुरुआती चरण में कोई लक्षण नहीं होते हैं.' उन्होंने कहा,' जब लोगों में यह बीमारी विकसित होती है तो औमतौर पर यह सालों की खामोशी वाली बीमारी के बाद होती है, क्योंकि उस समय लिवर और भी ज्यादा डैमेज हो जाता है. जब लिवर खराब होने लगता है तब मरीज के पेट में लिक्विड डेवलेप बनता है, जो उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है. 


Disclaimer: यहां दी गई जानकारी रिसर्च  पर आधारित है, लेकिन Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 


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