खतरनाक प्रदूषण: दिल्ली में वर्क फ्रॉम होम की अपील, नोएडा में बंद हो सकते हैं स्कूल-कॉलेज
दिल्ली, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. अब प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने नियोक्ताओं से वर्क फ्रॉम होम की अपील की है. नोएडा का एक्यूआई 398 पहुंच गया है. ग्रेटर नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक डार्क रेड जोन 402 में दर्ज किया गया.
नोएडा. दीपावली के बाद दिल्ली, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और अब प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने नियोक्ताओं से वर्क फ्रॉम होम की अपील की है. वहीं दफ्तर जा रहे लोगों से वाहन शेयर करने को कहा है.
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई 400 के करीब
मंगलवार को ग्रेटर नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक डार्क रेड जोन 402 में दर्ज किया गया. वहीं नोएडा का एक्यूआई 398 पहुंच गया है. ग्रेटर नोएडा देश में, जहां सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की संख्या में तीसरे स्थान पर था. वहीं, नोएडा पांचवे स्थान पर रहा.
एनसीआर के बाकी हिस्सों का हाल
गाजियाबाद-381
गुरुग्राम-390
फरीदाबाद-403
बहादुरगढ़-400
लागू होगा ग्रेप का स्टेज
अगर वायु प्रदूषण में सुधार नहीं होता है तो स्कूल और कॉलेज बंद हो सकते हैं. ग्रेप के स्टेज चार के तहत सख्त नियम लागू हो जाएंगे. हालांकि, बुधवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा. एनसीआर के सभी शहर व जिले के अधिकारी इस बैठक में शामिल होंगे.
सांस के मरीज बढ़े
दूसरी तरफ प्रदूषण के कारण अस्पतालों की ओपीडी और इमर्जेसी में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में 10 से 15 प्रतिशत मरीज बढ़ गए हैं. इन मरीजों में अस्थमा का अटैक, सांस संबंधी मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है. मरीजों में सर्दी, जुखाम, खांसी, गले में जकड़न, आंखों में जलन के मरीजों की संख्या बढ़ गई है.
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