रांची: झारखंड के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की पचास फीसदी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिए निर्धारित फीस के आधार पर दाखिले लिये जायेंगे. नेशनल मेडिकल कमीशन की अनुशंसा पर राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है.


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यूक्रेन से वापस लौटे मेडिकल स्टूडेंट्स को भी मिलेगा फायदा


राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि इस नियम का लाभ यूक्रेन से वापस मेडिकल स्टूडेंट्स को भी हासिल होगा. 


स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को इस नियम को लागू कराने का निर्देश दिया गया है. झारखंड के सात सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुल 680 सीटें हैं, जबकि दो निजी कॉलेजों में 250 सीटें हैं. इस तरह राज्य में उपलब्ध कुल 930 में से 805 सीटों पर स्टूडेंट्स सरकार की ओर से निर्धारित फीस चुकाकर मेडिकल की पढ़ाई कर सकेंगे. 


सरकारी मेडिकल कॉलेज में इतनी है फीस


झारखंड के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्रों को प्रतिवर्ष लगभग 50 हजार रुपये बतौर फीस चुकाने पड़ते हैं, जबकि निजी कॉलेजों की सालाना फीस 10 से 12 लाख रुपये है.


झारखंड में दो निजी मेडिकल कॉलेज हैं. इनमें से टाटा स्थित मनिपाल मेडिकल कॉलेज में 140 और पलामू में लक्ष्मी चंद्रवंशी मेडिकल कालेज में 100 सीटें उपलब्ध हैं.


इन छात्रों को मिलेगा लाभ


बता दें कि नेशनल मेडिकल कमीशन ने अपने दिशा-निर्देशों में कहा है कि निजी मेडिकल कॉलेजों में 50 फीसदी सीटों की फीस अब किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बराबर होगी. 


इस शुल्क का लाभ पहले उन उम्मीदवारों को मिलेगा, जिन्होंने सरकारी कोटे की सीटें हासिल की हैं. यह सीमा संबंधित मेडिकल कालेज की कुल स्वीकृत सीटों की संख्या के 50 प्रतिशत तक ही सीमित होगी.


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