नई दिल्लीः RBI's monetary policy committee meeting: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार आठवीं बार रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा, हम 'ग्लोबल साउथ' में भारतीय रिजर्व बैंक को मॉडल केंद्रीय बैंक बनाने की दिशा में काम कर रहे.


'लोन की ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होगा'


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रेपो रेट में कोई भी परिवर्तन नहीं होने का मतलब यह है कि आपके लोन की ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होगा. यानी मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (ईएमआई) में बदलाव की संभावना काफी कम है. वहीं आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने उदार रुख को वापस लेने के रुख पर कायम रहने का फैसला किया है. 


महंगाई को 4 फीसदी पर रखने के लिए प्रतिबद्ध


केंद्रीय बैंक ने खाद्य महंगाई के ऊंचे स्तर पर चिंता जताई. आरबीआई मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत पर रखने के लिए प्रतिबद्ध है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मुद्रास्फीति वृद्धि संतुलन अनुकूल रूप से आगे बढ़ रहा है. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 4.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. सामान्य मानसून को देखते हुए चालू वित्त वर्ष 2024-25 में मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है.


जीडीपी वृद्धि दर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान


उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है. अगर चालू वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जाती है तो यह लगातार चौथा साल होगा जब वृद्धि दर सात प्रतिशत से अधिक होगी. उन्होंने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य रहने से खरीफ उत्पादन बढ़ेगा. इससे जलाशयों में पानी का स्तर भी बढ़ेगा. 


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