नई दिल्ली. देश में इन दिनों महंगाई तेजी से बढ़त जा रही है. सबसे ज्यादा परेशानी खाने-पीने के सामानों की कीमतों के मोर्चे पर हो रही है. खाने-पीने के सामानों की कीमतों में काफी तेजी से इजाफा देखने को मिला है. पिछले कुछ वक्त में गेंहूं और चावल दोनों के ही दाम में इजाफा देखने को मिला है. टूटे हुए चावल के दाम में लगभग 10 रुपये तक का इजाफा हो चुका है. 


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कितना महंगा हुआ चावल


बता दें कि, पिछले कुछ वक्त में चावल के दाम में तेजी से इजाफा देखने को मिला है. जून-जुलाई में ही चावल की कीमत करीब 30 फीसदी तक महंगी हुई है. एक वक्त तक जो टूटा चावल 35 रुपये किलो के स्तर पर था उसकी कीमत अब उछाल के साथ 30 से 35 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई है. यही नहीं टूटे चावल के साथ साथ बासमती चावल के दाम में भी इजाफा देखने को मिल रहा है. जो बासमती चावल पहले 60 रुपये प्रति किलो के स्तर पर था उसकी कीमत फिलहाल बढ़कर 80 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई है. वहीं टुकड़े वाले बासमती चावल की कीमतों में भी उछाल देखने को मिली है. टुकड़ा बासमती चावल 30 रुपये प्रति किलो की बजाय 40 रुपये प्रति किलो के स्तर पर बिक रहा है. 


धान की बुवाई में गिरावट


चावल के दाम बढ़ने के पीछे एक बड़ी वजह धान की बुवाई का घटना भी है. इस साल भारत में धान की बुवाई का रकबा घटा है. बीते जुलाई के आंकड़ों के मुताबिक इस साल बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल जैसे धान उत्पादक राज्यों में काफी कम धान की बुवाई हुई है. धान की कुल बुवाई का रकबा पिछले साल के मुकाबले 13.3 फीसदी घटा है. बता दें कि पूर्वोत्तर के 6 राज्यों में धान का रकबा पिछले साल के मुकाबले 37.70 लाख हैक्टेअर घटा था. यदि एक हैक्टेअर में औसत 2.6 टन उपज भी जोड़ा जाए तो धान की उपज में 100 लाख टन की कमी हुई है.



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