नई दिल्ली: लंबे समय से महंगाई से जूझ रही आम जनता को अब बढ़ी हुई कीमतों के मोर्चे पर थोड़ी राहत मिलती हुई दिखाई दे रही है. मानसून सीजन की शुरुआत के साथ ही जुलाई के महीने में महंगाई की दर में कमी देखने को मिली है. अब भारत के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा ने भी महंगाई के कंट्रोल होने पर बयान दिया है. 


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एसबीआई चेयरमैन ने बताया कब तक कम होगी महंगाई


 भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश खारा ने मंगलवार को कहा कि सितंबर अंत तक महंगाई के मोर्चे पर स्थिति बेहतर हो सकती है. एसबीआई चेयरमैन ने कहा कि,  आपूर्ति के स्तर पर जो बाधाएं थीं, उनका समाधान हुआ है तथा कच्चे तेल के दाम में नरमी से स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है. खुदरा मुद्रास्फीति के ताजा आंकड़ों के अनुसार जुलाई में यह 6.7 प्रतिशत रही है.  आने वाले समय में स्थिति बेहतर होनी चाहिए। इसका कारण आपूर्ति संबंधी बाधाओं का समाधान होना है. 


इस वजह से बढ़ रही थी महंगाई


दिनेश खारा ने कहा कि, महंगाई बढ़ने का एक बड़ा कारण कच्चे तेल के दाम हैं और अब इसमें भी कमी आ रही है. इससे महंगाई और नीचे आएगी. कुल मिलाकर उम्मीद है कि संभवत: सितंबर के अंत तक महंगाई की स्थिति अभी के मुकाबले बेहतर होगी. 


इस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे खारा


एसबीआई चेयरमैन बैंक स्टार्टअप के लिये अत्याधुनिक शाखा शुरू किये जाने की घोषणा के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे.  एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के नीतिगत दर के निर्धारण में मुद्रास्फीति प्रमुख तत्व है. मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) नीतिगत दर के बारे में निर्णय करती है. समिति निर्णय पर पहुंचने से पहले विभिन्न आंकड़ों और वस्तुस्थिति पर गौर करती है. इसीलिए मुझे लगता है कि हमें एमपीसी की अगली बैठक तक इंतजार करना होगा. 


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