नई दिल्ली: SBI Research: हाल ही में SBI रिसर्च की एक रिपोर्ट सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में साल 2022-23 में गरीबी दर में बड़ी गिरावट आई है. रिपोर्ट के अनुसार इस अवधि में देश की गरीबी दर घटकर 4.5 से 5 प्रतिशत के नीचे आ गई है. इसमें ग्रामीण और शहरी दोनों ही गरीबी में गिरावट दर्ज की गई है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक शहरी गरीबी जहां अब 4.6 प्रतिशत पर आई है तो वहीं ग्रामीण गरीबी  घटकर 7.2 प्रतिशत पर दर्ज हुई है. 


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गरीबी दर में आई इतनी गिरावट 
SBI रिसर्च के अनुसार गांव की गरीबी में साल 2018-19 के बाद 440 आधार अंको की गिरावट देखी गई है. वहीं महामारी के बाद शहरी गरीबी में 170 आधार अंको की गिरावट हुई है. रिपोर्ट में यह भी अनुमान लगाया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में नई गरीबी रेखा दर या उपभोग का मूल स्तर 1,622 रुपये और शहरों में 1,929 रुपये था. 


इन कारणों से हुआ सुधार 
रिपोर्ट के अनुसार गांवों और शहरों में प्रति व्यक्ति उपभोग ( per capita consumption) और ग्रामीण पारिस्थितिकी तंत्र ( rural ecosystem) में सुधार आने के पीछे सरकार की कई योजनाएं शामिल हैं, जिनमें  गांवों के इंफ्रस्ट्रक्चर और किसानों की आय बढ़ाने जैसी कोशिशे हैं. इससे भारत के गांवों के रहन-सहन में काफी सुधार आया है. इसमें यह भी कहा गया है कि बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे पिछड़े राज्यों के इकोसिस्टम में भी बड़ी तेजी से सुधार हो रहा है.   


PM मोदी ने भी दिया बयान 
PM नरेंद्र मोदी ने भी भारत के गरीबी दर पर बयान दिया था. इसको लेकर बीते सोमवार ( 26 फरवरी 2024) को उन्होंने कहा कि हमारे देश में अब गरीबी अपने निम्न स्तर पर है क्योंकि एक दशक पहले की तुलना में अब घरों में खपत ढाई गुना बढ़ गई है. वहीं आंकड़ों से पता चलता है कि अब कई लोगों की कई सुविधाओं और सेवाओं पर खर्चा करने की क्षमता बढ़ चुकी है. अब उनके पास खाने के अलावा बाकी चीजों का इस्तेमाल करने के लिए ज्यादा पैसा है. PM ने कहा,' यह गरीबों, गांवों और किसानों पर हमारे ध्यान केंद्रित करने के कारण हुआ है.'   


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