लखनऊ: गौतमबुद्ध नगर जिले के सुपरटेक एमेराल्ड कोर्ट (Supertech Emerald Court) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के कड़े रुख के बाद उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) के योजना विभाग के एक प्रबंधक को निलंबित कर दिया है. सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के निर्देश पर चार सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया. एसआईटी (SIT)को एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है, जो वर्ष 2004 से 2017 के बीच हुईं गड़बड़ियों को लेकर जांच करेगी.


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अतिरिक्त मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने बताया कि चार सदस्यीय एसआईटी का नेतृत्व अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल करेंगे, जिसमें अपर मुख्य सचिव ग्राम विकास एवं पंचायती राज मनोज कुमार सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ जोन राजीव सब्बरवाल और मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक अनूप कुमार श्रीवास्तव शामिल हैं.


3 महीने में ध्वस्त करना होगा ट्विन टावर
बता दें कि गत मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के सेक्टर-93 में सुपरटेक एमेराल्ड कोर्ट हाउसिंग परियोजना के तहत नियमों का उल्लंघन कर बनाए गए ट्विन टावर (Supertech twin tower) को ध्वस्त करने का आदेश दिया था. शीर्ष अदालत में ट्विन टावर को तीन महीने के अंदर ध्वस्त करने का आदेश देते हुए कहा था कि जिला स्तरीय अधिकारियों की सांठगांठ से किए गए इस इमारत के निर्माण के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करनी होगी, ताकि नियम कायदों का पालन सुनिश्चित हो सके.


सीएम योगी आए एक्शन में
उत्तर प्रदेश सरकार के तहत आने वाले औद्योगिक विकास निकाय के विरुद्ध शीर्ष अदालत की ओर से की गई कठोर टिप्पणियों के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को इस मामले में जांच के आदेश दिए थे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा था. लखनऊ में आधिकारिक सूत्रों ने बताया, 'योजना विभाग में तैनात प्रबंधक मुकेश गोयल को एमेराल्ड कोर्ट मामले को लेकर उच्चतम न्यायालय में होने वाली सुनवाई के लिए नामित किया गया था. वह लगातार सुनवाई में मौजूद रहे, लेकिन महत्वपूर्ण तथ्यों और मुकदमे से जुड़ी अद्यतन जानकारी को नोएडा प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में नहीं लाए.'


आधा दर्जन अधिकारी जांच के दायरे में


सूत्रों ने कहा, 'प्रथम दृष्टया योजना प्रबंधक को कार्य में अनियममितता व गैर-जिम्मेदार रवैये का दोषी पाया गया. उनके विरुद्ध विभागीय जांच शुरू की गई है और उन्हें एक सितंबर से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.' उन्होंने बताया कि नोएडा प्राधिकरण के करीब आधा दर्जन अन्य अधिकारी भी इस मामले में कथित भूमिका को लेकर पड़ताल के दायरे में हैं.


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