अध्यापन कर्मियों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 हो, हाई कोर्ट का निर्देश
केंद्र सरकार पहले ही यह निर्णय कर चुकी है कि केंद्र द्वारा वित्त पोषित उच्च एवं तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों के अध्यापन कर्मचारियों की रिटायरमेंट एज बढ़ाकर 65 साल की जानी चाहिए. याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि यूजीसी के निर्देश लखनऊ विश्वविद्यालय पर भी लागू होते हैं. अदालत ने फैसले को लागू करने के लिए नियमों में आवश्यक बदलाव करने के वास्ते सरकार को तीन महीने का समय दिया है.
लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के अध्यापन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को लेकर बड़ा अपडेट आया है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि इन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाई जाए. सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष की जाए. यानी इस निर्देश के लागू होने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय के अध्यापन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 3 साल और बढ़ जाएगी.
3 महीने का दिया समय
अदालत ने फैसले को लागू करने के लिए नियमों में आवश्यक बदलाव करने के वास्ते सरकार को तीन महीने का समय दिया है. बता दें कि न्यायमूर्ति ओपी शुक्ला की पीठ ने डॉ प्रेमचंद्र मिश्रा और अन्य की याचिका पर यह आदेश पारित किया.
क्या कहना था याचिकाकर्ताओं का
याचिकाकर्ताओं के वकील ने दलील दी कि केंद्र सरकार पहले ही यह निर्णय कर चुकी है कि केंद्र द्वारा वित्त पोषित उच्च एवं तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों के अध्यापन कर्मचारियों की रिटायरमेंट एज बढ़ाकर 65 साल की जानी चाहिए. इसके बाद, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 2010 में सभी यूनिवर्सिटी को केंद्र के फैसले को लागू करने का निर्देश दिया. याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि यूजीसी के निर्देश लखनऊ विश्वविद्यालय पर भी लागू होते हैं.
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