नई दिल्ली: अपने बाले का केयर करने के लिए लोग तरह-तरह के नुस्खे अपनाते हैं. हर कोई चाहता है कि उनके बालों की उम्र ज्यादा रहे, काले और घने रहे. हालांकि वक्त के साथ लोगों के बाल सफेद होने लगते हैं. आज के दौर में लोगों को इस बात की भी चिंता सताती है कि कम उम्र में ही लोगों के बाल सफेद हो जाते हैं.


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उम्र बढ़ने पर सफेद क्यों हो जाते हैं बाल?
वैज्ञानिकों का मानना है कि उन्होंने संभवत: इस बात का कारण ढूढ लिया है कि उम्र बढ़ने पर बाल सफेद क्यों हो जाते हैं. उन्होंने इसके लिए रंजक (पिगमेंट) बनाने वाली स्टेम कोशिकाओं की परिपक्व होने की असमर्थता का हवाला दिया है. यह अध्ययन ‘नेचर’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है जिससे बाल सफेद होने की प्रक्रिया को पलटने का आधार मिल सकता है.


इस अध्ययन में पाया गया कि स्टेम कोशिकाओं में बाल (रोओं) की वृद्धि की विभिन्न अवस्थाओं में बढ़ने की क्षमता है लेकिन जब जब लोग बुजुर्ग होते हैं तो उनके परिपक्व होने एवं बाल रंग को बनाये रखने की क्षमता खत्म हो जाती है.


इस स्टडी में सामने आई ये बड़ी बातें..
अमेरिका के एनवाईयू ग्रॉसमैन स्कूल ऑफ मेडिसीन के अनुसंधानकर्ताओं की अगुवाई में एक टीम ने चूहे की त्वचा की कोशिकाओं पर ध्यान केंद्रित किया. उन्हें मनुष्य में भी ‘मेलानोसाइट’ स्टेम कोशिकाएं मिलीं. बाल का रंग इस बात से नियंत्रित होता है कि मेलानोसाइट स्टेम कोशिकाओं की गैर क्रियाशीलता लेकिन निरंतर गुणकता को क्या परिपक्व कोशिकाओं में तब्दील होने का सिग्नल मिलता है या नहीं जो प्रोटीन पिगमेंट को रंग के लिए जिम्मेदार बनाता है.


यह अध्ययन दर्शाता है कि मेलानोसाइट स्टम कोशिकाएं काफी लचीली होती हैं जिसका तात्पर्य है कि बाल की सामान्य वृद्धि के दौरान ऐसी कोशिकाएं परिपक्वता अक्षरेखा पर कभी आगे तो कभी पीछे जाती जाती है, वह भी तब जब वे रोओं से विकास के विभिन्न चरणों से जब गुजरती हैं.
(इनपुट- भाषा)


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