नई दिल्ली.  चीन कितना डर गया है हिन्दुस्तानियों से इसी बात से पता चलता है कि उसने तुरंत अपना रास्ता बदल कर नई चाल चलनी शुरू कर दी है. पर चोर आंगन कूद कर आये या खिड़की से आये. पकड़ने पर पिटाई तो उसकी होनी है. चोर चीन भी अब पकड़ में आ गया है और उसकी एक न चलनी है अब.


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भारतीय बाजार में पिटने लगा चीन


मूल रूप से बनिया देश है चीन. पैसे की चोट उस पर गहरे निशान छोड़ती है. और इस समय हिन्दुस्तानी लोग उसके सामान का बहिष्कार करके उसे पैसे की भारी चोट दे रहे हैं. लेकिन बेशर्म चीन सीमा पर भी बेशर्म हो कर खड़ा हुआ है और भारत के बाज़ार में भी बेशर्मी से अपने मार्केट के बने रहने की उम्मीद कर रहा है. पर अब गलवान घाटी में धोखे से हमला कर बीस भारतीय जवानों के कातिल चीन को भारत में और भारत से राहत की कोई संभावना नहीं है. 


2017 में भी पीटा था चीन को 


 2017 में भी ऐसा हुआ था. चीन ने भूटान की डोकलाम सीमा पर भारतीय सेना के सामने अड़ कर उसे युद्ध जैसी धमकी देने की कोशिश की थी लेकिन आखिर में सत्तर दिन बाद चीन को ही पीछे हटना पड़ा. आज भी स्थिति लगभग वैसी ही है. उस समय भी भारत में चाइनीज प्रॉडक्ट्स के बहिष्कार की मांग उठी थी और दीवाली जैसे अवसरों पर भी चाइनीज लड़ियों, रोशनियों, पटाखों और मूर्तियों को नहीं खरीदने की अपील तेज हुई थी और उसका असर भी हुआ था. 



 


अब चीन की चोरी फिर पकड़ में आई 


भारत के बाज़ार में चीन के सामान के बहिष्कार के संकल्प के बाद चीन चालाकियों पर उतारू हो गया है. उसने एक चालाकी चली जो शुरू में ही पकड़ में आ गई. अधिकतर भारतीय खरीदारों को पहली नजर में न पता चले कि कौन सा सामान चीन का है, इसके लिए उसने मेड इन चाइना के बजाए मेड इन पीआरसी लिखना शुरू कर दिया है ताकि लोग समझ न पाने की स्थिति में उस सामान को खरीद लें. लेकिन जिन्हें पता है उन्हें तो पता ही है,जिनको नहीं पता उनको हम बता देते हैं कि पीआरसी का अर्थ है पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना.


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