ट्विन टावर की धूल से बनेगी टाइल्स और ईंट, रोज इतने टन मलबा होगा डिस्पोज
नोएडा में गिराए गए ट्विन टावर के मलबे को टाइल्स के तौर पर इस्तेमाल करने की प्लानिंग पर काम किया जा रहा है. नोएडा के ट्विन टावर के मलबे के निस्तारण को लेकर अब काम शुरू हो गया है.
नई दिल्ली: दिल्ली और इससे सटे शहर नोएडा की इमारतों में आने वाले समय में ट्विन टावर की धूल से बनी टाइल्स देखने को मिल सकती है. दरअसल नोएडा में गिराए गए ट्विन टावर के मलबे को टाइल्स के तौर पर इस्तेमाल करने की प्लानिंग पर काम किया जा रहा है. नोएडा के ट्विन टावर के मलबे के निस्तारण को लेकर अब काम शुरू हो गया है.
इस जगह पर होगा मलबे का डिस्पोजल
सेक्टर 80 में बने सीआईडी वेस्ट प्लांट में ट्विन टावर के वेस्ट को डिस्पोज किया जाएगा. ये प्लांट रैमकी कंपनी चला रही है. नोएडा का रोजाना का करीब 250 से 300 मैट्रिक टन मलबे का निस्तारण यहीं किया जाता है. अब इस प्लांट में ट्विन टावर के मलबे का निस्तारण होगा.
मलबे से होगा टाइल्स का निर्माण
मलबा निस्तारण के लिए इस प्लांट पर काम दो शिफ्टों में होगा. प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक आर.के. शर्मा ने बताया कि प्लांट की क्षमता 850 टन की है. लेकिन नोएडा में मलबा निकलने के हिसाब से निस्तारित कराया जाता है. अब दो शिफ्टों में काम किया जाएगा. जिसके लिए मैन पावर को बढ़ाया जा सकता है. इस मलबे से टाइल्स, क्लिंकर, ईंट और अन्य उत्पाद बनाए जाएंगे.
ट्विन टावर से निकला 80 हजार मिट्रिक टन मलबा
रोजाना ट्विन टावर की साइट से 250 मेट्रिक टन मलबा डंपर के जरिए साइट पर पहुंचाया जाएगा. इसके लिए 20 डंपर लगाए गए हैं. प्रति डंपर क्षमता 10 से 12 मेट्रिक टन की है. एनजीटी के नियमों के पालन करते हुए इस मलबे को ग्रीम शीट और उस पर पानी डालकर ले जाया जाएगा ताकि धूल नहीं उड़े. ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण के बाद जो मलबा निकला है उसका आकलन करीब 80 हजार मेट्रिक टन है. इसमें 52 हजार मेट्रिक टन मलबा बेसमेंट और आसपास को भरने में काम आएगा. 28 हजार मेट्रिक टन मलबे का निस्तारण होगा.
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