नई दिल्लीः विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने सभी उच्च शैक्षणिक संस्थानों से एमफिल और पीएचडी की मौखिक परीक्षाएं आयोजित कराने के लिए अपने सुझाव दिए हैं. यूजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने इस विषय पर देश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं महाविद्यालयों के प्राचार्यों को पत्र लिखा है.


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यूजीसी ने एमफिल और पीएचडी की मौखिक परीक्षाएं ऑफलाइन या वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये आयोजित करने पर विचार करने का सुझाव दिया है.


इन तरीकों पर विचार का सुझाव
आयोग ने सुझाव दिया कि उच्च शैक्षणिक संस्थान एमफिल और पीएचडी की मौखिक परीक्षाएं ऑफलाइन या गूगल, स्काइप, माइक्रोसॉफ्ट प्रौद्योगिकी अथवा किसी विश्वसनीय माध्यम और उपयुक्त प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये आयोजित करने पर विचार कर सकते हैं. 


पत्र में जैन ने कहा कि कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के मद्देनजर 29 अप्रैल 2020 को यूजीसी ने परीक्षाएं आयोजित करने के संबंध में दिशानिर्देश एवं महामारी को लेकर अकादमिक कैलेंडर जारी किया था. 


यूजीसी के नियमों के अधीन ले सकते हैं परीक्षा
इस दिशानिर्देश के पैरा 12 में यह प्रस्ताव किया गया था कि विश्वविद्यालय एमफिल और पीएचडी की मौखिक परीक्षाएं गूगल, स्काइप, माइक्रोसाफ्ट प्रौद्योगिकी अथवा किसी विश्वसनीय माध्यम एवं उपयुक्त प्रौद्योगिकी का उपयोग करके वीडियो कांफ्रेंस के जरिये आयोजित कर सकते हैं, जो यूजीसी नियमन 2016 की उपयुक्त धारा के तहत विश्वविद्यालय के संबंधित विधायी प्राधिकार की मंजूरी के अधीन होगी. 


ऑफलाइन-ऑनलाइन तरीके से ले सकते हैं परीक्षाएं
पत्र में कहा गया है कि इसके बाद यूजीसी ने 11 फरवरी 2022 को उच्च शिक्षण संस्थानों को सूचित किया कि वे ऑफलाइन व ऑनलाइन माध्यम से परिसर खोल सकते हैं तथा कक्षाएं एवं परीक्षाएं आयोजित कर सकते हैं. 


पत्र के अनुसार, उपरोक्त स्थिति में उच्च शैक्षणिक संस्थान एमफिल और पीएचडी की मौखिक परीक्षाएं ऑफलाइन या वीडियो कांफ्रेंस के जरिये आयोजित करने पर विचार कर सकते हैं.


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