Union Budget 2023: भारत में हर साल एक फरवरी को केंद्र सरकार अपना बजट पेश करती है जिससे एक दिन पहले एक जनवरी को बजट सत्र की शुरुआत के साथ ही इकॉनामिक सर्वे पेश होता है. इसे पेश करने के साथ ही संसद में राष्ट्रपति का अभिभाषण होता है.मंगलवार को भी यही देखने को मिला, जहां पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अभिभाषण दिया और उसके बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वे पेश किया.


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जानें क्या होता है इकॉनामिक सर्वे


इकॉनामिक सर्वे की बात करें तो इसे इकॉनामिक डिविजन की ओर से मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में तैयार किया जाता है. इस बार का सर्वे मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन की देखरेख में तैयार किया गया है जिसमें अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई है.सर्वे की बात करें तो यह आने वाले बजट के बारे में संकेत देता है कि आने वाले बजट में क्या सौगात मिल सकती है. 1960 से पहले तक यह बजट का ही हिस्सा हुआ करता था लेकिन 1960 के बाद से इसे बजट से एक दिन पहले पेश किया जाने लगा.


2022 में कैसा था आर्थिक सर्वे


इकॉनामिक सर्वे देश में जरूरत के हिसाब से नई-नई चीजों को जोड़ने की ओर ध्यान देने पर जोर देता है और देश में विकास की संभावित दर के बारे में बताता है. साल 2022 में पेश किये गये सर्वे के अनुसार भारत के जीडीपी दर 8.0-8.5 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया गया था.बजट 2023 को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्णकालिक बजट भी कहा जा सकता है और पिछले दो बार की तरह इस बार भी इसे पेपरलेस ही पेश किया जाएगा.


जानें कब से शुरू होता है बजट तैयार करने की प्रक्रिया


गौरतलब है कि इस साल का बजट तैयार करने की आधिकारिक प्रक्रिया  10 अक्टूबर से शुरू हो गई थी. केंद्रीय वित्त मंत्री की ओर से बजट अभिभाषण देने के बाद पूरा दस्तावेज ‘यूनियन बजट मोबाइल ऐप’ पर Android और Apple OS प्लेटफॉर्म पर मिल जाएगा.


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