नई दिल्ली: नीला रंग प्रकृति का अभिन्न हिस्सा है. चाहे वह नीला आसमान हो, नीला पानी, नीला फूल या नीला पक्षी. ये रंग जहां भी होता है वहां एक अलग सी चमक रहती है. नीले रंग के कपड़े भी लोगों को काफी पंसद आते हैं. रॉयल ब्लू तो पुराने जमाने से लेकर आज भी खूब पसंद किया जाता है. अगर हम आपसे कहेंगे कि नीला रंग दुनिया में सबसे कम देखने को मिलता है तो क्या आप इसे मानने के लिए तैयार होंगे? शायद आपका जवाब न हो, लेकिन ये बाद एकदम सत्य है. ऑस्ट्रेलिया स्थित 'यूनिवर्सिटी ऑफ एडिलेड' ने 2019 में इसको लेकर एक रिसर्च की थी. इसके मुताबिक प्रकृति में नीला रंग बेहद कम बनता है. वहीं धरती में नीला पिगमेंट बनाने वाले पेड़-पौधे और पक्षी भी कम ही मौजूद हैं. रिसर्च के अनुसार 10 में से 1 पौधे में ही नीले रंग के फूल उगते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कम क्यों दिखता है नीला रंग 
वैज्ञानिकों का मानना है कि धरती पर मौजूद आधे से ज्यादा पशु और पौधे स्ट्रक्टरल कलरेशन की मदद से ही नीले रंग का एहसास पैदा कर पाते हैं. बता दें कि नीले रंग का पिगमेंट बहुत ही जल्दी दूसरे पदार्थ में बदल जाता है, जिसके चलते कई पौधे  दूसरे पिगमेंट का इस्तेमाल करते हैं. वहीं कई पशु पेड़-पौधे खाते हैं इसलिए उन्हें भी नीला पिगमेंट नहीं मिल पाता है.  


पक्षियों में कैसे दिखता है नीला रंग 
बता दें कि जानवरों में स्ट्रक्चरल कलरेशन की प्रक्रिया काफी होती है, जिससे वे नीले रंग के दिखते हैं. खासतौर पर मोर समेत कई पक्षियों में ये ज्यादा देखा जाता है. इसमें उनके पंख में बेहद महीन बनावट होती है, जो एक दूसरे के बेहद पास होते हैं, जिससे लाइट के रिफ्लेक्शन के कारण दूर से देखने पर वह चीज नीली ही दिखती है. मोर का गला और उसके पंख इसी बात का उदाहरण है. फूल की पंखुड़ियों में भी आपको ऐसा देखने को मिल सकता है.  


इतिहास में नीले रंग का स्थान
बता दें कि इतिहास में नीला रंग का काफी ज्यादा महत्व था. उन दिनों सिर्फ राजा-महाराज या बड़े लोग ही इस रंग का इस्तेमाल कर सकते थे. वहीं आज भी नीले रंग के फूलों को काफी महत्व दिया जाता है. 


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.