नई दिल्ली: आपने अक्सर सुना होगा कि प्यार में पड़ा व्यक्ति को भूख-प्यास का कोई असर नहीं होता है. यहां तक की उसे दर्द का भी एहसास नहीं होता है. भले ही आपको इसपर कोई विश्वास न हो, लेकिन अब इसी बात पर कुछ अध्ययनों ने मुहर लगाई है. 'डेली मेल' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक जब कोई व्यक्ति रिलेशनशिप में होता है तब उसके दिमाग और शरीर पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ता है. इसको लेकर रिसर्चर्स ने कई तरह के तर्क दिए है. 


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प्यार में जीवन में होते हैं ये बदलाव 
'बिहेवियरल साइंसेज' में छपी एक जर्नल के मुताबिक जब कोई व्यक्ति प्यार में होता है तो उसका ब्रेन अलग तरह से रिस्पॉस करता है, जिससे उसका ध्यान हमेशा उनके प्रेमी की तरफ ज्यादा रहता है. जैसे कि वह अभी कहां होगा या क्या कर रहा होगा जैसी आदतें. इके चलते कई बार ऐसे लोग अपने पार्टनर को स्टॉक भी करने लगते हैं. 


प्रेमी को देते हैं ज्यादा इंपोर्टेंस 
'कैनबरा यूनिवर्सिटी' और 'साउथ ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी' के शोधकर्ताओं ने 1,556 युवा वयस्कों का सर्वे किया, जिसमें पता चला कि प्रेम में पड़ने पर बिहेवियरल एक्टिव सिस्टम (BAS) नाम का एक मकैनिजम ट्रिंगर होता है, जिस कारण व्यक्ति बाकी सब के मुकाबले अपने प्रेमी को ज्यादा प्राथमिकता देने लगता है. 


आती है बेहतर नींद 
साल 2020 में जर्मनी के 'क्रिश्चियन अल्ब्रेक्ट्स यूनिवर्सिटी' ऑफ कील की ओर से की गई एक रिसर्च में एक साथ और अलग-अलग सोने वाले कई कपल्स के दिमाग को लगातार 4 दिन तक स्कैन किया गया. इस रिसर्च में पता चला कि जो लोग अपने पार्टनर के साथ बेड शेयर करते हैं या सोते हैं उन्हें अच्छी क्वालिटी की नींद आती है.  


दर्द का अनुभव होता है कम  
साल 2019 में  ऑस्ट्रिया की 'यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज' की एक रिसर्च में पाया गया कि प्रेमी के साथ रहने से दर्द का एहसास भी कम हो सकता है. भले ही आप उन्हें न तो स्पर्श करें या न उनसे बात करें. इसके लिए उन्होंने 48 कपल्स का दर्द के प्रति उनकी प्रतिरोधक क्षमता का परीक्षण किया. एकबार जब वह अकेले थे और एक बार जब वह अपने प्रेमी के साथ थे. इसमें उन्होंने पाया कि जब कोई व्यक्ति अपने पार्टनर के साथ होता है तो वे दर्द का अनुभव कम करता है.


रिलीज होता है ऑक्सीटोसिन हार्मोन
प्यार में पड़ने वाले व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन रिलीज होता है. इसे लव हार्मोन भी कहा जाता है. यह व्यक्ति में इमोशनल अटैचमेंट और रिलेशनशिप के लिए जिम्मेदार होता है. इसके साथ ही यह तनाव कम करने और पार्टनर के साथ जुड़ाव महसूस करने में भी हमारी मदद करता है.  


तानव और कब्ज से मिलती है राहत 
'जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी' में पब्लिश अमेरिका में 'पेन स्टेट कॉलेज ऑफ मेडिसिन' की एक रिसर्च में पाया गया है कि ऑक्सीटोसिन तनाव से जुड़े पाचन लक्षणों को कम कर सकता है. इनमें कब्ज, सूजन और मतली जैसी परेशानियां शामिल है. यह पेट में मसल्स को सिकुड़ने से बचाता है. 


हेयरग्रोथ में मिलता है फायदा 
'साइंटिफिक रिपोर्ट्स' में पब्लिश 2023 की एक रिसर्च के मुताबिक लव हार्मोन हमारे बालों के विकास भी काफी मदद करता है. रिसर्च के अनुसार ऑक्सीटोसिन डर्मल पैपिला सेल्स के विकास को बढ़ावा देता है, जो हेयर ग्रोथ में काफी मदद करते हैं. 


डोपामाइन हार्मोन का बढ़ता है लेवल 
इसके अलावा प्यार डोपामाइन हार्मोन को भी बढ़ाने का काम करता है. यह हमारे मूड और फिजिकल एक्टिविटी को काफी प्रभावित करता है. अमेरिका में न्यूरो साइंटिस्ट की ओर से की गई एक रिसर्च के मुताबिक जब हम अपने प्रेमी को याद करते हैं या उनसे मिलने वाले होते हैं तो डोपामाइन का स्तर बढ़ जाता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि डोपामाइन हमें अपने पार्टनर के साथ प्यार को बरकरार रखने में मदद करता है. इसी के चलते किसी रिलेशलशिप से मूव ऑन करने में काफी परेशानी आती है.  


Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें. 


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