Heat Wave: मार्च में ही चिलचिलाती गर्मी का कहर, इस राज्य में 54 डिग्री पहुंचा तापमान, तोड़े सारे रिकॉर्ड
Heat Wave: साल 2023 में गर्मी का भीषण कहर बरपने वाला है जिसकी भनक फरवरी के महीने में ही मिल गई थी. इस साल फरवरी के महीने में ही गर्मी ने अपने तेवर दिखाये और पिछले 3 दशक में सबसे गर्म रहने का रिकॉर्ड अपने नाम किया.
Heat Wave: साल 2023 में गर्मी का भीषण कहर बरपने वाला है जिसकी भनक फरवरी के महीने में ही मिल गई थी. इस साल फरवरी के महीने में ही गर्मी ने अपने तेवर दिखाये और पिछले 3 दशक में सबसे गर्म रहने का रिकॉर्ड अपने नाम किया. इसके चलते मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने इस साल हीट वेव की चेतावनी देते हुए सदी की सबसे ज्यादा झुलसा देनी वाली गर्मी की भविष्यवाणी की है. हालांकि इस भविष्यवाणी का असर लोग अप्रैल से जुलाई के महीने के बीच पड़ने वाली गर्मी से लगा रहे थे लेकिन गर्मी ने मार्च से ही अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिये हैं.
इस राज्य में 54 डिग्री पहुंचा तापमान
मार्च महीने के अभी पहले 10 दिन ही बीते हैं और केरल में गर्मी ने 54 डिग्री का तापमान पार कर लिया है. चिलचिलाती गर्मा से बेहाल लोगों के लिये यह एक बड़ा रिकॉर्ड है जिसे देखते हुए राज्य की आपदा प्रबंधन अथॉरिटी ने एक रिपोर्ट पेश की है और तापमान के 54 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाने पर चिंता जताई है.
केरल स्टेट आपदा प्रबंधन अथॉरिटी (KSDMA) की रिपोर्ट के अनुसार आने वाले समय में बढ़ते तापमान के चलते लोगों में हीट स्ट्रोक समेत कई गंभीर बीमीरियों के होने की संभावना कई गुना बढ़ गई है.
इन इलाकों में बढ़ गया है बीमारियों का खतरा
रिपोर्ट के अनुसार केरल के तिरुवनंतपुरम जिले के दक्षिणी हिस्से, अलप्पुझा, कोट्टायम और कन्नूर जिलों के कुछ क्षेत्रों में तापमान 54 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया है तो वहीं पर तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलप्पुझा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, कोझिकोड और कन्नूर में यह 45 से 54 के बीच रहा. ऐसे में इन इलाकों में हीट स्ट्रोक होने की संभावना काफी ज्यादा है. वहीं कासरगोड, कोझिकोड, मलप्पुरम, कोल्लम, पठानमथिट्टा और एर्नाकुलम में तापमान 40-45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा है जबकि डइडुक्की और वायनाड के पहाड़ी इलाकों में भी गर्मी बढ़ी है और 29 डिग्री सेल्सियस से नीचे तापमान दर्ज किया गया है.
तिरुवनंतपुरम में स्थित IMD के अधिकारियों ने फिलहाल इस रिपोर्ट पर कोई बयान देने से इंकार कर दिया है तो वहीं पर स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों को बाहर जाते समय एहतियात बरतने की हिदायत दी है और तेज गर्मी से बचाने के लिये खुद को अच्छी तरह से हाइड्रेट करने की सलाह दी है.
जानें क्या है हीट स्ट्रोक?
आम भाषा में जिसे लू लगना कहते हैं उसी को अंग्रेजी में हीट या सन स्ट्रोक के नाम से भी जाना जाता है. गर्मियों के मौसम में जब तापमान को आपका शरीर कंट्रोल कर पाने में नाकाम रहता है और बाहरी मौसम के चलते आपकी बॉडी की तापमान तेजी से बढ़ता है तो उसे ही लू लगना कहते हैं. जब हीट स्ट्रोक होता है तो शरीर से पसीना आना बंद हो जाता है और अगर समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया तो व्यक्ति की मौत भी हो सकती है.
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