नई दिल्ली. मुगल महारानी नूरजहां का जन्म कंधार (वर्तमान में अफगानिस्तान का क्षेत्र) के पास 1577 ई0 में ईरान के एक मशहूर खानदान में हुआ था. जन्म के बाद उनका नाम मेहर-उन-निसा यानी मेहरुन्निसा रखा गया था. इस नाम का सामान्य अर्थ होता है खूबसूरत महिला. 


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17 साल की उम्र में हुई थी पहली शादी
हालांकि, बाद में मेहरुन्निसा का परिवार मुगल साम्राज्य का हिस्सा बनने भारत आ गया था. इसके बाद 1594 ई0 में मेहरुन्निसा की शादी एक मुगल अधिकारी से हुई थी. उस वक्त मेहरुन्निसा की उम्र 17 साल के करीब थी. जिससे मेहरुन्निसा की शादी हुई यानी उनके शौहर का नाम अलीकुली था. इतिहास के जानकार इस शादी को मेहरुन्निसा की पहली शादी मानते हैं. 


शादी के बाद बंगाल चली गई थीं मेहरुन्निसा
वहीं, शादी के बाद मेहरुन्निसा अपने पति अलीकुली के साथ बंगाल चली गई थीं. यहां उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया. 1607 में मेहरुन्निसा के पति जहांगीर के सैनिकों के साथ युद्ध में मारे गए. इसके बाद मेहरुन्निसा को पकड़ कर दिल्ली लाया गया और बादशाह के शाही हरम में भेज दिया गया. जहां, वे बादशाह अकबर की विधवा रानी सलीमा बेगम की दासी बनीं. 


नौरोज त्योहार पर मेहरुन्निसा को देखा था जाहागीर ने 
यहीं से मेहरुन्निसा की खूबसूरती के चर्चे धीरे-धीरे पूरे राजमहल में फैलने लगे. कहां जाता है कि मेहरुन्निसा को जहांगीर ने सबसे पहले नौरोज त्योहार पर देखा था. इस समय उन्हें देखते ही जहांगीर मेहरुन्निसा पर फिदा हो गए. इसके बाद मई 1611 में जहांगीर ने मेहरुन्निसा से शादी कर ली. मेहरुन्निसा शादी के बाद जहांगीर की 20वीं रानी बनी थीं. 


जहांगीर ने दी नूरजहां की उपाधि
जहांगीर से शादी के बाद मेहरुन्निसा ने अब कोई और दूसरी शादी नहीं की. विवाह के बाद जहांगीर ने मेहरुन्निसा को नूरमहल और नूरजहां की उपाधि प्रदान की. इस शब्द का अर्थ होता है, सारे जहां की रौशनाई.


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