Why Human grows Teeth twice only: कहावतों में जब भी दांत की बात होती है तो हाथी याद आते हैं और घड़ियाल को उसके आंसुओं के लिये याद किया जाता है, पर क्या आप जानते हैं कि दांतों के मामले में भी घड़ियालों से काफी कुछ सीखा जा सकता है. वैज्ञानिकों ने इसी बात पर रिसर्च की है और जो नतीजे निकलकर सामने आये हैं वो बताते हैं कि कैसे आने वाले समय में इंसान के जीवन में सिर्फ 2 बार नहीं बल्कि ज्यादा बार दांत निकल सकते हैं.


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इंसानों के जीवन में सिर्फ 2 बार ही आते हैं दांत


इंसानों के जीवन में सिर्फ 2 बार ही दांत आते हैं, जन्म लेने के बाद जो पहले दांत आते हैं उन्हें दूध के दांत कहते हैं तो वहीं पर उनके गिरने के बाद पक्के दांत आते हैं. बढ़ती उम्र के साथ ये दांत भी सड़ने लगते हैं और बुढ़ापा आने तक ये भी गिर जाते हैं. ऐसे में अगर आपको नए दांत चाहिए होते हैं तो आप डॉक्टर के पास जाकर आर्टिफिशियल सेट बनवा सकते हैं या फिर बचा हुआ जीवन बिना दांतों के गुजार सकते हैं. हालांकि कितना अच्छा हो अगर दांत टूटने के बाद हर बार एक नया दांत नैचुरली आ जाए.


घड़ियालों पर रिसर्च कर सकती है नई खोज


यह कोरी कल्पना नहीं है बल्कि ऐसा हो सकता है क्योंकि घड़ियालों के जीवन में दांत खो देने का डर नहीं होता क्योंकि जब भी उनका कोई दांत टूटता या निकल जाता है तो उसके बदले एक नया और मजबूत दांत आ जाता है. घड़ियालों के पास कुल 80 दांत होते हैं जो उनके जीवनकाल में 50 बार तक निकल सकते हैं.


अब रिसर्च कर रही वैज्ञानिकों की एक टीम दांतों के बार-बार उगने की इसी प्रक्रिया को समझ कर इंसानों में भी लागू करने की कोशिश रहे हैं. अगर यह रिसर्च सफल होती है तो इंसान भले ही जीवन में बार-बार तो नहीं लेकिन दो बार की जगह 3 से 4 बार तो अपने आप दांत उगने की प्रक्रिया का लाभ उठा सकते हैं. अगर दांत दो के बजाय 3-4 बार उगेंगे तो हो सकता है कि कुछ वक्त के लिये ही सही लेकिन चहरे पर बुढ़ापे का दिखना टाला जा सके.


तो इस वजह से सिर्फ 2 बार ही उगते हैं इंसानों के दांत


यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया में रिसर्च कर रहे वैज्ञानिकों ने पाया है कि रेंगने वाले जीवों और स्तनधारी जानवरों के दांतों की रचना एक जैसी ही होती है. घड़ियालों के दांतों पर शोध कर रहे चेंग मिंग चुओंग का कहना है कि जब इंसान एक बार दूध के दांत खो देता है तो फिर से दांत उगाने की अपनी क्षमता को भी खो बैठता है और यही वजह है इंसानी जीवन में सिर्फ 2 बार ही दांत उग पाते हैं, लेकिन मगरमच्छ, घड़ियाल, छिपकली और सांपों के साथ ऐसा नहीं होता, बल्कि उन्हें हर साल नए दांत मिलते रहते हैं.हो सकता है कि आने वाले समय में इंसानों में ऐसा कर पाना मुमकिन हो, पर फिलहाल यह केवल एक विचार ही है.


घड़ियालों में आते हैं 3 तरह के दांत


चुओंग ने अपनी रिसर्च में घड़ियाल और उनके भ्रूण पर ध्यान दिया है. उनका कहना है कि घड़ियालों के पास तीन तरह के दांत होते हैं. पहले को फंक्शनल टूथ का नाम दिया गया है, जिनकी तुलना दूध के दांतों से की जा सकती है. दूसरा है रिप्लेसमेंट टूथ यानी पक्के दांत और तीसरा है डेंटल लामिना. यह ऊतकों की एक परत होती है. इंसानों में भी पक्के दांत इसी परत से उभरते हैं.


अगर ऐसा हुआ तो इंसानों में भी बार-बार उगेंगे दांत


वैज्ञानिकों ने घड़ियालों में इस परत के अंत में एक छेद पाया है,उनका अनुमान है कि इसी के अंदर स्टेम सेल जमा होते हैं जिनसे नया दांत बनता है. जब कोई दांत टूटता है तो डेंटल लेमिन रिप्लेसमेंट टूथ का रूप ले लेता है और स्टेम सेल से नया डेंटल लेमिन तैयार हो जाता है. हो सकता है कि आने वाले सालों में इंसानों के साथ भी ऐसा किया जा सके.


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