अंकिता का आखिरी संदेश! जानें कैसे उसके सपनों का घोंटा गया गला

Sun, 25 Sep 2022-8:23 pm,

क्या आपने पहचाना मुझे? नहीं न. पहचानेंगे भी क्यों? कोई बात नहीं मैं खुद बता देती हूं. मेरा नाम है अंकिता. अंकिता भंडारी. अभी भी नहीं पहचाना. हां हां पहचानेंगे भी क्यों? मैं वही अंकिता भंडारी हूं जिसे मार कर नाले में फेंक दिया गया. लेकिन ठहरिए, मैं निर्जीव नहीं हूं. मैं सजीव हूं. चौंक गए न आप! बिल्कुल मत चौंकिए. मैं कैसे जिंदा हूं ये बात मैं ही आपको बता देती हूं. मैं जिंदा हूं नेशनल क्राइम ब्यूरो के उस रिकॉर्ड में, जिसे आप आज से 100 साल बाद भी देखेंगे तो जरूर जानेंगे कि जब 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध हो रहे थे, तो उस दौरे में उन अपराधों का शिकार होने वाली पीड़ितों में एक नाम मेरा भी है. मैं इन आंकड़ों में हमेशा ही आपको जिंदा मिलूंगी.

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