संगठन : 1929 में RSS को पहला सरसंघचालक मिला, 1940 तक संघ पूरे देश में फैल गया

Jan 15, 2019, 12:00 PM IST

1930 के समय का हिंदू समाज जाति भेद, भाषा भेद, प्रांत भेद, अश्पृश्यता जैसे वर्गों में बंटा था. डॉ हेडगेवार ने रोजाना लगने वाली शाखा में इन भेदों को मिटा दिया. उन्होंने हिन्दू नाम की सबसे बड़ी रेखा खींच दी लेकिन फिर भी RSS पर ब्राह्मणवादी संगठन होने का आरोप लग गया. बात 1932 की है, जब संघ के शीतकालीन अधिवेशन के शिविर में उच्च जाति के स्वयंसेवकों ने अछूत माने जाने वाले स्वयं सेवकों के साथ एक पंक्ति में बैठ कर खाना खाने से मना कर दिया तब डॉ. साहब ने अछूत माने जाने वाले स्वयं सेवकों के साथ भोजन करके न केवल जाति का भेद खत्म किया बल्कि ये संदेश भी दिया कि संघ हमेशा अपने स्वयंसेवकों में "हमसब एक हैं" का संस्कार स्थापित करता है. देखिए, 'संगठन' में आरएसएस और डॉ. हेडगेवार के बारे में...

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