कैलाश विजयवर्गीय ने प्रेमानंद महाराज और प्रदीप मिश्रा के बीच करवाई सुलह की खबर निकली झूठी
वैसे तो प्रेमानन्द महाराज अपने सरल स्वभाव, नम्र व्यवहार और मृदु सरल शैली में उपदेश करने के लिए जाने जाते हैं पर इस बार कुछ ऐसा हुआ जिससे प्रेमानन्द महाराज एक नये रौद्र रूप में दिखाई पड़े.
नई दिल्लीः प्रेमानंद जी महाराज और प्रदीप मिश्रा के बीच का विवाद पिछले कई दिनों से बड़ी सुर्खियों में है. मध्यप्रदेश के सीहोर के रहने वाले कथा प्रवक्ता पंडित प्रदीप मिश्रा के श्रीराधा-कृष्ण के विवाह को लेकर अनुचित टिप्पणी के कारण ब्रज-वृंदावन के सभी साधु-संत-कथाव्यास और ब्रजवासी में आक्रोश की लहर दौड़ गई.
यह सिलसिला यहाँ ही नहीं थमा. अब सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों की बाढ़ आ गई हैं. कभी कहा जाता है कि वृंदावन से किसी गोस्वामी जी ने फोन करके दोनों के बीच सुलह करवा दी है, जो कि सरासर झुठ था. अब एक ओर नई फेक खबर सामने आ रही हैं कि मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दोनों में सुलहा करवाई है. हमने बहुत ही विश्वसनीय सूत्रों से यह पता लगाया कि मंत्री जी का प्रेमानंद जी महाराज को या राधा केलीकुंज परिकर में से किसी को कोई फोन नहीं आया है और नाही मंत्रीजी कभी राधा केलीकुंज आये हैं. इसलिए यह खबर बिल्कुल झूठी है.
जानिए क्या है पूरा मामला
पंडित प्रदीप मिश्रा अपने सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में बड़ी ही अवहेलनात्मक भाषा शैली में श्रीराधारानी पर टिप्पणी कर रहे है. जिसके विरोध में वृन्दावन के सुप्रसिद्ध रसिक संत प्रेमानन्द जी महाराज ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से इसका कड़ा विरोध किया. वैसे तो प्रेमानन्द महाराज अपने सरल स्वभाव, नम्र व्यवहार और मृदु सरल शैली में उपदेश करने के लिए जाने जाते हैं पर इस बार कुछ ऐसा हुआ जिससे प्रेमानन्द महाराज एक नये रौद्र रूप में दिखाई पड़े.
चूँकि अपनी इष्टाराध्या प्राण-जीवन-सर्वस्व श्रीराधारानी पर पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा की गई अनर्गल टिप्पड़ी से उनका हृदय बहुत आहत हुआ और उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो प्रसारित कर प्रदीप मिश्रा को बड़े ही कड़े शब्दों में फटकार लगाते हुए अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोई भी हो हमारी श्रीकिशोरीजू के विषय में होश में बोलना क्योंकि वे हमारा जीवन है, हमारा सर्वस्व हैं. श्रीराधारानी वो हैं जिनकी चरण रज को ब्रह्मा, शिव, शुक, सनकादि भी प्रणाम करते हैं.
उनका मानना है कि हम सब सनातन धर्म के अनुयायी हैं. फिर चाहे वो शिव के उपासक हो या कृष्ण के. दोनों में कोई भेद नहीं है सबका मूल तत्व एक ही हैं. किसी दूसरे इष्ट की निंदा करके, आप अपने इष्ट को प्राप्त नहीं कर सकते ना ही आप भक्ति मार्ग में आगे बढ़ सकते हैं. नाम, शोहरत, फॉलोअर्स और पैसे के बल पर आप भौतिकवादी उन्नति तो हासिल कर सकते हैं पर आध्यात्मिक नहीं .
पंडित प्रदीप मिश्रा के वीडियो से आहत होने के बाद से ही ब्रज के सभी संतों-ब्रजवासियों ने उनके खिलाप विरोध प्रदर्शन करना चालू कर दिया है और एसपी मथुरा को एक ज्ञापन भी सौंपा कि प्रदीप मिश्रा के खिलाप जल्द से जल्द प्रशासनिक कार्यवाही होनी चाहिए; क्योंकि उनके मूर्खतापूर्ण वक्तव्य से ब्रज के सभी संत-ब्रजवासी एवं देश-विदेश में फैले लाखों श्रीराधा-कृष्ण के भक्त बहुत ही आहत हुए हैं.
हालाँकि प्रेमानन्द महाराज के द्वारा नाराजगी व्यक्त करने पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने वीडियो जारी कर प्रेमानन्द महाराज और सभी ब्रजवासियों से माफी माँगी और उन्होंने कहा "वर्तमान समय में भारत की भूमि पर विराजमान माननीय श्रीप्रेमानन्द जी महाराज ब्रज-वृंदावन के बहुत बड़े रसिक संत हैं, उनके चरणों को मैं दंडवत प्रणाम करता हूँ.