नई दिल्ली. अपराध की कोई भी बड़ी घटना आम लोगों के मन में भय या शंका पैदा करती है तो वहीं पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपराधी को तलाशने की होती है. आम जनता अपराध के बारे में खबरों के जरिए पढ़-सुन या देख रही होती है तो वहीं पुलिस अपराधी के दिमाग को पढ़ने की कोशिश कर रही होती है. विशेष तौर पर तब जब अपराध के साथ अपराधी अपना ट्रेड मार्क स्टाइल छोड़ रहा हो. दुनिया में कई ऐसे कुख्यात अपराधी हुए हैं जिनसे पैदा हुए खौफ ने आम लोगों से लेकर पुलिस तक की नींद हराम की है. ऐसे ही अपराधियों में से एक चार्ल्स शोभराज नेपाल की जेल में 19 साल तक सजा काटने के बाद आज रिहा हो गया. 


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1970-80 के दशक में पूरी दुनिया में बिकनी किलर के नाम से कुख्यात चार्ल्स शोभराज कई देशों में जेल काट चुका है जिसमें दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल भी शामिल है. जबरदस्त सुरक्षा घेरे में रहने वाली तिहाड़ जेल से भी शोभराज ने भागने की कोशिश की थी. तिहाड़ जेल ब्रेक की खबरों से पूरे देश में हलचल मच गई थी. लेकिन तिहाड़ जेल ब्रेक और जेल में रहने के दौरान चार्ल्स शोभराज के कारनामों पर हम आपको किसी और स्टोरी में तफसील से जानकारी देंगे. अभी इस बात पर आते हैं कि आखिर चार्ल्स को बिकनी किलर का नाम कैसे मिला? वैसे तो जानकारी के मुताबिक चार्ल्स पर 20 मर्डर के आरोप रहे हैं लेकिन कुल मर्डर की संख्या 30 भी बताई जाती है. पर उसे कुख्यात किलर बनाया सिर्फ दो ऐसे हत्याकांड ने जिनकी वजह से उसे बिकनी किलर कहा जाने लगा. कारण था दोनों हत्याओं के बीच समानताएं. जैसे जिन दो लड़कियों की हत्या हुई उनकी हत्या का पैटर्न एक था, यानी दोनों की लाश स्वीमिंग पूल में मिली तो और दोनों ने फ्लोरल प्रिंट की बिकनी पहन रखी थी. 


बचपन में छुपी युवा अपराधी की कहानी
इन दोनों हत्याकांड की कहानी जानने से पहले आपको चार्ल्स शोभराज की जिंदगी और परवरिश के बारे में जानना जरूरी है. चार्ल्स गुरुमुख शोभराज भावनानी यानी चार्ल्स शोभराज के पिता भारतीय और मां वियतनाम की रहने वाली थीं. चार्ल्स का जन्म वियतनाम के साईगॉन शहर में हुआ था जिसे अब हो-चिन-मिन्ह सिटी के नाम से जाना जाता है. चार्ल्स के मां-बाप की कहानी भी दिलचस्प है. चार्ल्स के मां-बाप की कभी शादी नहीं हुई. पिता ने चार्ल्स को अपना नाम देने से इंकार कर दिया था. चार्ल्स को नाम दिया उसकी मां के दूसरे पति ने जो फ्रांसीसी आर्मी में लेफ्टिनेंट था. उसकी पोस्टिंग एशिया में ही थी. पिता के साथ चार्ल्स कभी फ्रांस जाता तो कभी एशिया के देशों में रहता. ऐसे ही उसका बचपन बीत रहा था. 


लेकिन किशोरावस्था आते ही 'पूत के पांव पालने में' जैसे कहावत चरितार्थ होने लगी थी. 1963 में पहली बार उसे सेंधमारी के आरोप में जेल की हवा खानी पड़ी थी. अपने हाव-भाव से दूसरों के झटपट अपने वशीभूत करने लेने वाले चार्ल्स ने जेल में अधिकारियों तक झांसा दे दिया. जेल में ही उसकी मुलाकात एक अमीर युवक फेलिक्स से हुई. परोल पर जेल से छूटने के बाद फेलिक्स के जरिए चार्ल्स ने फ्रांस की हाई-क्लास सोसायटी में एंट्री ली. चोरी और सेंधमारी जैसे अपराधों की रफ्तार अब उसने बढ़ा दी थी. वो बेहद महंगे कपड़े और शानदार गाड़ियों में घूमने लगा था. 


इसी दौरान चार्ल्स को एक पर्शियन लड़की चैंटल कॉपैग्नॉन से प्रेम हो गया. लेकिन यही वो समय था जब चार्ल्स एक बार फिर कार चोरी के आरोप में गिरफ्तार हुआ. हालांकि जेल में रहने के दौरान भी चैंटल के साथ उसके संबंध बेहद प्रगाढ़ रहे. जेल से छूटने के बाद चार्ल्स ने चैंटल के साथ शादी रचा ली थी. 


1970 के दशक की शुरुआत में चार्ल्स ने चैंटल के साथ फ्रांस छोड़ दिया. वो देश छोड़कर एशिया की तरफ इसलिए भागा क्योंकि उसे गिरफ्तारी का डर था. कई देशों में फेक डॉक्यूमेंट् का सहारा लेकर वो बॉम्बे पहुंचा. और यहीं से शुरुआत हुई चार्ल्स के बिकनी किलर बनने की. बॉम्बे में ही चार्ल्स की दोस्ती अशोक चौधरी नाम के एक व्यक्ति से हुई जो आगे हर अपराध में चार्ल्स का क्राइम पार्टनर था. बॉम्बे में रहने के दौरान भी चार्ल्स ने होटल अशोक में डकैती की कोशिश की थी. इस मामले में उसे फिर जेल हुई लेकिन चैंटल की मदद से भागने में कामयाब रहा. बॉम्बे से भागकर वो काबुल पहुंचा फिर ईरान पहुंचा, तुर्की में अपराध किए, यूनान में अपराध किए लेकिन इन सबकी फेहरिश्त बहुत लंबी है. अब आते हैं उन दो हत्याओं पर जिनकी वजह से दुनिया चार्ल्स को बिकनी किलर कहना शुरू कर दिया.


किन दो हत्याओं ने बनाया बिकनी किलर?
दरअसल भारत में रहने के दौरान चार्ल्स की मुलाकात क्यूबा की टूरिस्ट मैरी एंड्रे लेक्लर्क से हुई थी. मैरी तुरंत चार्ल्स के प्रभाव में आ गई और भविष्य में उसकी सबसे बड़ी क्राइम पार्टनर बनी. शोभराज और अजय चौधरी ने पहली हत्या साल 1975 में की थी. चार्ल्स का पहला शिकार थी अमेरिका की महिला टेरेसा नॉलटन. नॉलटन की डेडबॉडी एक फ्लोरल प्रिंट बिकनी में थाईलैंड के समुद्र में पूल में मिली थी. शुरुआत में पुलिस को लगता रहा कि टेरेसा की मौत डूबने की वजह से हुई. लेकिन पोस्ट मॉर्टम की रिपोर्ट ने पुलिस के भी कान खड़े कर दिए. रिपोर्ट में सामने आया कि डूबने से मौत का तो सिर्फ दिखावा था...टेरेसा की तो पहले ही हत्या की जा चुकी थी. 


नाम कमाने की भूख, खतरनाक रास्ता और शिकार पर शिकार
यहां से शुरुआत हुई चार्ल्स के अंत की. चार्ल्स के भीतर नाम कमाने की भूख थी. जाहिर तौर पर इसके लिए उसने बेहद खतरनाक रास्ता अख्तियार किया हुआ था. टेरेसा की मौत के बावजूद चार्ल्स अभी तक पुलिस की गिरफ्त से दूर था और किसी दूसरे शिकार की तलाश में था. उसकी अगली शिकार था एक यहूदी युवक जिसका नाम था विटाली हाकिम. विटाली की डेडबॉडी पट्टाया के उस रिसॉर्ट में मिली था जहां पर चार्ल्स और उसके क्राइम पार्टनर रहते थे.  


लेकिन बिकनी किलर के उपनाम की कहानी इसके बाद शुरू हुई. दरअस हाकिम विटाली एक गर्लफ्रेंड थी जिसका नाम चारमायने कार्रू था. वह जानती थी कि हाकिम और चार्ल्स की मुलाकात होती है. हाकिम की मौत के बाद कार्रू जांच और गुनहगार को तलाशने चार्ल्स के पास पहुंची थी. लेकिन चार्ल्स क्रूरता का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहता था. कार्रू और चार्ल्स की मुलाकात तो हुई लेकिन महज कुछ ही दिनों बाद कार्रू की लाश एक पूल मिली. सबसे बड़ी बात यह थी कि कार्रू की डेडबॉडी पर फ्लोरल प्रिंट की बिकनी ही थी. यह बिल्कुल टेरेसा नॉलटन स्टाइल में मिली लाश थी. 


पुलिस भी गच्चा खा गई, कारनामों ने खोला रहस्य
कार्रू की लाश मिलने के बाद भी पुलिस ने तब दोनों मामलों को आपस में नहीं जोड़ा था. लेकिन जैसे चार्ल्स के कारनामे दुनिया के सामने आते गए तो उसे बिकनी किलर कहा जाने लगा. टेरेसा और कार्रू ही वो दो महिलाएं थी जिन्हें चार्ल्स ने सबसे पहले अपना शिकार बनाया था. 


यही नहीं इसी दौरान थाईलैंड में चार्ल्स ने एक और कपल की हत्या कर दी थी. मामला जब बढ़ा तो वह भागकर भारत पहुंच गया. भारत में ही चार्ल्स पकड़ा भी गया. लेकिन इसके बाद भी उसकी कहानी खत्म नहीं हुई. भारत की जेल में कई साल सजा काटने के बाद वो 1997 फिर फ्रांस भेजा गया था. लेकिन इसके बाद फिर वो 2003 में नेपाल गया था जहां उसे 2 अमेरिकियों की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया. तकरीबन 19 साल की सजा काटने के बाद अब वो फिर रिहा हो गया है. चार्ल्स अब 78 साल का हो चुका है. लेकिन उसके जेल से छूटने की खबरों ने पूरी दुनिया के मीडिया में सुर्खियां बटोरी हैं. लोगों के सामने 1970 और 80 के दशक में किए गए चार्ल्स के अपराधों के किस्से खुल खुलकर सामने आ रहे हैं.   


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