नई दिल्ली. इजरायल और हमास के बीच जंग में अब एक और प्लेयर आ चुका है और वह लेबनॉन का अतिवादी समूह हिजबुल्ला. हिजबुल्ला लगातार इजरायल पर हमले कर रहा है और इन दोनों के बीच की जंग गहरा सकती है. दरअसल इजरायल ने भी चेतावनी दे दी है कि हिजबुल्ला बीच में न पड़े अन्यथा इसके परिणाम बहुत गंभीर होंगे. हिजबुल्ला के पीछे ईरान का मजबूत बैकअप है और यही वजह है कि वह इजरायल पर हमले करने से पहले एक बार भी नहीं सोच रहा है.


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पहली बार नहीं है हिज्बुल्ला और इजरायल के बीच विवाद
ऐसा पहली बार नहीं है जब इजरायल और हिजबुल्ला का आमना-सामना हुआ हो. दरअसल ये अदावत वैसी ही है जैसी इजरायल और हमास के बीच है. लेकिन शायद हिजबुल्ला ही इकलौता समूह है जिससे हुए हमले को इजरायल अपने लिए एक झटके की तरह देखता है. साल 2006 में इजरायल और हिजबुल्ला के बीच 34 तक लड़ाई चली थी. इस युद्ध में बीच बचाव तब ही हो सका था जब संयुक्त राष्ट्र ने बीच में एंट्री की. संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों से ही दोनों के बीच सीजफायर हुआ था. 


कई नामों से जानी जाती है यह लड़ाई
इजरायल और हिजबुल्ला के बीच हुए इस युद्ध को  2006 Lebanon War, 2006 Israel–Hezbollah War, July War या Second Lebanon War कहा जाता है. यह लड़ाई लेबनॉन, उत्तरी इजरायल और गोलां हाइट्स के इलाकों में लड़ी गई थी. एक तरफ हिजबुल्ला की पैरमिलिट्री थी तो वहीं दूसरी तरफ इजरायली डिफेंस फोर्सेज़. 


कैसे हुई थी विवाद की शुरुआत
विवाद की शुरुआत 12 जुलाई 2006  को हुई थी. और यह 14 अगस्त 2006 को समाप्त हुई थी. हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी समाप्ति 6 सिंतबर को हुई. इसी दिन इजरायल ने लेबनॉन से अपना नेवल ब्लॉकेड हटा लिया था. इस लड़ाई में हिजबुल्ला को ईरान से हर तरह का समर्थन मिला और इसी वजह से वह इतने लंबे समय तक टिक सका. 


विवाद की शुरुआत हुई थी हिजबुल्ला द्वारा इजरायली इलाके में एयर स्ट्राइक से. इस हमले में तीन इजरायली सैनिकों की मौत हो गई थी और दो को हिजबुल्ला लेबनॉन उठा ले गया. हिजबुल्ला की तरफ से मांग की गई इजरायल उसके सैनिकों को वापस कर दे. इजरायल ने इसके लिए साफ मना कर दिया और जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी थी. 


दोनों तरफ हुआ नुकसान
इस लड़ाई में दोनों तरफ बड़ा नुकसान हुआ था. हालांकि इजरायल की तुलना में लेबनॉन को ज्यादा नुकसान हुआ था. आंकड़ों के मुताबिक इस लड़ाई में 165 इजरायली और करीब 1300 लेबनॉन के लोगों की मौत हुई थी. 


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