नई दिल्ली. भीषण इजरायली हमके बाद अब गाजा पट्टी के लोगों के सामने एक बहुत बड़ा संकट सामने खड़ा है. संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी के लहजे में कहा है कि गाजा पट्टी में रहने वाले वाले लोगों के सामने भूख प्यास से जान गंवाने का संकट है. इजरायली हमलों के बाद गाजा से जारी पलायन के बीच हालात बदतर होते जा रहे हैं. 


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खाना-पानी का संकट
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक गाजा में अब केवल चार पांच दिन का राशन बचा हुआ है. वहीं गाजा से पलायन को मजबूर गाजावासियों के सामने सबसे बड़ा पानी का संकट है. साउथ गाजा में केवल एक पाइपलाइन है और इसे भी दिन में सिर्फ तीन घंटे के लिए खोला जाता है. पानी की सप्लाई न होने की वजह से लोगों में डिहाइड्रेशन समेत अन्य बीमारियों का खतरा बना हुआ है. 


ज्यादातर जीवन सहायता पर निर्भर
अंतर्राष्ट्रीय सहायता समूह गाजा में लगभग 63 प्रतिशत लोगों को भोजन और सहायता के अन्य साधन प्रदान करते हैं. गाजा में लोग जिस भोजन, ईंधन और चिकित्सा आपूर्ति का उपयोग करते हैं वह पहले इज़राइल से होकर जाती है. इज़राइल गाजा के साथ दो भौतिक चौकियों को नियंत्रित करता है, जो लोगों और ट्रकों के प्रवेश और निकास दोनों की निगरानी करते हैं. इज़राइल गाजा में आने वाली सामग्रियों के प्रकार और मात्रा को सीमित करता है.


64 प्रतिशत लोगों को खाद्य असुरक्षित माना जाता है
2020 में 53 प्रतिशत से अधिक गाजा निवासियों को गरीबी रेखा से नीचे माना गया था, और लगभग 77 प्रतिशत गाजा परिवारों को संयुक्त राष्ट्र और अन्य समूहों से किसी न किसी रूप में सहायता मिलती है. ज्यादातर नकदी या भोजन के रूप में. लगभग 64 प्रतिशत लोगों को खाद्य असुरक्षित माना जाता है.


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