अंतरिक्ष की दुनिया में अमेरिका का नया कदम
अमेरिका रखने जा रहा है अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में नया कदम और इसकी तारीख है 27 मई की वो भी उस दौर में जब अमेरिका कोरोना संकट से बुरी तरह घिरा हुआ है और उसका चीन के साथ विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है.
नई दिल्ली. बुधवार 27 मई 2020 दर्ज होने वाला है अमेरिका में एक नई ऐतिहासिक शुरुआत के लिए. इस दिन बदल जाएगा अमेरिका का इतिहास और प्रारम्भ होगा अमेरिका का महत्वाकांक्षी मानव मिशन. अमेरिकी अंतरिक्ष प्रसार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का प्रिय विषय है और इस अवसर पर दुनिया भर की वैज्ञानिक बिरादरी के साथ वे स्वयं इसके साक्षी बनने जा रहे हैं.
9 साल बाद अब होगा यह मानव मिशन
अब से नौ वर्ष पूर्व 21 जुलाई 2011 के को अंतिम बार अमेरिकी धरती से कोई मानव मिशन अंतरिक्ष में गया था. अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ली है ये जिम्मेदारी और वह अब 9 साल बाद अमेरिकी रॉकेट से इस अंतरिक्ष अभियान को अंजाम देने जा रही है. नासा अपने स्पेस सेंटर से अंतरिक्ष यात्रियों को अमेरिका के बने रॉकेट में बिठाकर अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन भेजने जा रही है.
शाम साढ़े चार बजे तय है वक्त
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने इस विशेष अंतरिक्ष अभियान की तारीख रखी है 27 मई 2020 और वक्त तय किया है शाम 4.33 बजे का. इस मानव-युक्त अंतरिक्ष मिशन के अंतर्गत नासा दो अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स को अमेरिकी धरती से अमेरिकी रॉकेट में बिठाकर ISS भेजने जा रही है. इस ऐतिहासिक स्पेस मिशन में स्पेस स्टेशन जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स के नाम हैं - रॉबर्ट बेनकेन और डगलस हर्ले.
एलन मस्क की कम्पनी है स्पेस एक्स
प्रसिद्ध अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क को इस अभियान के साथ हमेशा याद रखा जाएगा क्योंकि उनकी कम्पनी कंपनी स्पेस-एक्स के स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन के माध्यम से दोनों एस्ट्रोनॉट्स को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भेजा जाएगा. अमेरिकी कम्पनी स्पेस-एक्स कई भावी अंतरिक्ष मिशन्स पर नासा के साथ मिल कर काम कर रही है.
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