नई दिल्ली.  ताइवान को अमेरिका ने मैत्री की प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया और चीन ने अब ताइवान को दुश्मनी का बड़ा मोर्चा बना लिया है क्योंकि चीन के खिलाफ ताइवान अकेला नहीं है. ताइवान के साथ जहां ताल ठोक कर अमेरिका है वहीं भारत समेत तमाम देश भी ताइवान के साथ खड़े हैं. अब चीन ताइवान से बुरी तरह चिढ़ा हुआ है और उसका अनिष्ठ करने की उसकी मन्शा अब बेकाबू होती नजर आ रही है.


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अमेरिकी मन्त्री ने किया ताइवान का दौरा


ताइवान से चीन की हालिया चिढ़ की वजह अमेरिका के स्वास्थ्य और मानव सेवा मंत्री एलेक्स अजार का ताइवान का दौरा है. एलेक्स अजार के नेतृत्व में शीर्ष अमेरिकी दल ताइवान पहुंचा और चीन के कलेजे पर सांप लौट गये. 


अमेरिकी दौरे पर चिढ़ा चीन


इसकी प्रतिक्रिया में चीन ने आज सोमवार सुबह अपने लड़ाकू विमान ताइवान के आसमान पर ताइवान को भयभीत करने के लिये भेज दिये लेकिन इन विमानों को डर कर भागना पड़ा जब ताइवान का करारा जवाब इनको मिला. जैसे ही चीनी जंगी जहाज ताइवान स्ट्रेट मिड-लाइन के भीतर नजर आये ताइवान ने अपनी मिसाइलों को दाग दिया और इतना ही नहीं तुरंत अपने पेट्रोलिंग विमानों को भी चीनी विमानों के पीछे लगा दिया. फिर तो देखते ही देखते चीनी विमान भाग निकले.



 


अमेरिकी दौरे की चीन ने की निंदा 


चालीस सालों के बाद पहली बार अमेरिका से मंत्री स्तरीय कोई आधिकारिक दल ताइवान आया है और यही बात चीन को बुरी लग गई है. चीन ने इसकी निंदा करते हुए एक बार फिर ताइवान पर अपना हक जताने की कोशिश की. और चीन की प्रतिक्रिया व्यवाहारिक रूप से ताइवान को डराने की हवाई कोशिश के रूप में सामने आई लेकिन नाकाम रही.


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