बांग्लादेश ने जमात-ए-इस्लामी पर लगाया बैन, आरक्षण को लेकर देशभर में फैलाई थी हिंसा
बांग्लादेश में नौकरी में कोटा को लेकर जुलाई में भयानक प्रदर्शन हुआ था. हालत इतने बिगड़ गए थे कि सरकार को हिंसक प्रदशर्न को बंद करे के लिए सेना का सहारा लेना पड़ा था. इस हिंसा में कम से कम 150 लोग मारे गए और पुलिसकर्मी समेत कई हजार लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए थे.
नई दिल्ली: बांग्लादेश में जुलाई का महीना काफी हिंसक स्थितियों से गुजरा. महीने की शुरूआत में ही कई यूनिवर्सिटी और कॉलेज के छात्रों ने देशभर में सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर हिंसक प्रदर्शन किया. वहीं अब बांग्लादेश में इस विरोध प्रदर्शन के बाद गुरुवार 1 अगस्त 2024 को आतंकवाद विरोधी कानून के तहत जमात-ए-इस्लामी और इसके छात्र शाखा शिबिर पर बैन लगा दिया.
जमात-ए-इस्लामी पर लगा प्रतिबंध
बांग्लादेश सरकार ने जमात-ए-इस्लामी को देश के लिए खतरा बताया है. बांग्लादेश गृह मंत्रालय के सार्वजनिक सुरक्षा प्रभाग की ओर से गुरुवार को जारी एक अधिसूचना में पूर्व पीएम खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ( BNP) की प्रमुख सहयोगी इस्लामी पार्टी पर बैन की पुष्टि की गई. बता दें कि जमात-ए-इस्लामी और छात्र शिबिर पर आतंकवाद विरोधी अधिनियम की धारा 18(1) के तहत प्रतिबंध लगाया गया.
पीएम का बयान
प्रतिबंध को लेकर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा,' उन्होंने ( जमात, शिबिर और BNP) छात्रों को अपनी ढाल के रूप में इस्तेमाल किया.' बता दें कि जमात पर प्रतिबंध लगाने के लिए सत्तारूढ़ अवामी सीग के नेतृत्व वाले 14 पार्टी गठबंधन की एक बैठक में फैसला लिया गया. इसको लेकर 1 हफ्ते पहले ही प्रस्ताव पारित किया गया था.
सेना की ली गई मदद
बता दें कि बांग्लादेश में नौकरी में कोटा को लेकर जुलाई में भयानक प्रदर्शन हुआ था. हालत इतने बिगड़ गए थे कि सरकार को हिंसक प्रदशर्न को बंद करे के लिए सेना का सहारा लेना पड़ा था. इस हिंसा में कम से कम 150 लोग मारे गए और पुलिसकर्मी समेत कई हजार लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए थे. इस हिंसक प्रदर्शन में प्रमुख सरकारी प्रतिष्ठानों को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ा.
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