नई दिल्लीः बांग्लादेश ने रोहिंग्या संकट का समाधान करने के लिए भारत से सहयोग मांगा है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों के मुताबिक, बांग्लादेश में मौजूदा समय में 10 लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

शांतिपूर्ण वापसी के लिए मांगी मदद
म्यांमार में उत्पीड़न से बचने के मद्देनजर देश में शरण लेने को मजबूर किए गए रोहिंग्या समुदाय के लोगों को शांतिपूर्ण ढंग से वापस भेजने के लिए बांग्लादेश ने भारत से सहयोग मांगा है. संसद के अध्यक्ष शिरीन शर्मिन चौधरी ने रविवार को संसद भवन में ढाका में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय कुमार वर्मा से मुलाकात के दौरान इस मुद्दे पर बात की और भारत की मदद मांगी. 


'भारतीयों ने भी की थी बांग्लादेशियों की मदद'
जातीय संसद सचिवालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘अध्यक्ष ने भारतीय उच्चायुक्त को बताया कि बांग्लादेश ने बड़ी संख्या में रोहिंग्याओं को शरण दी, यह इंगित करते हुए कि भारत ने भी हमारे 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान बांग्लादेशियों को आश्रय दिया था और लोग उस प्रकरण को सम्मान के साथ याद करते हैं.’


शिरीन शर्मिन चौधरी ने म्यांमार के रखाइन प्रांत से जबरन विस्थापित रोहिंग्याओं को उनकी मातृभूमि में वापस शांतिपूर्ण तरीके से भेजने के लिए भारत का समर्थन मांगा है. 


2017 में उत्पीड़न के बाद भागकर आए थे रोहिंग्या
म्यामांर के रखाइन प्रांत में 2017 में एक सैन्य कार्रवाई के कारण क्रूर उत्पीड़न से बचने के लिए रोहिंग्या शरणार्थी वहां से भाग गए थे. अगस्त 2017 में रखाइन प्रांत में मुख्य रूप से मुस्लिम जातीय समूह को उनकी मातृभूमि से बेदखल करने के लिए सैन्य कार्रवाई शुरू होने के बाद से एक लाख से अधिक रोहिंग्या म्यांमार से बांग्लादेश भाग गए. 


अस्थायी शरणार्थी शिविरों में रहते हैं रोहिंग्या
वे अब विशाल अस्थायी शरणार्थी शिविरों में रहते हैं. बांग्लादेश और म्यांमा ने विस्थापित रोहिंग्या शरणार्थियों को उनकी मातृभूमि में वापस लाने पर बातचीत की है, लेकिन वे इस मुद्दे को हल करने में विफल रहे हैं.


(इनपुटः भाषा)


यह भी पढ़िएः चीन के गेस्ट हाउस पर हमला, धमाके के बाद हुई जबरदस्त फायरिंग, 21 की मौत!


 



Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.