पाकिस्तान में इसलिए तोड़ दी बुद्ध प्रतिमा क्योंकि इससे `जाहिलपने` को खतरा था
एक भवन निर्माण के दौरान हो रही खुदाई में महात्मा बुद्ध की मूर्ति निकली तो निर्माण में जुटे ठेकेदार-मजदूर ने चकनाचूर कर दिया. उन्होंने इसे नापाक बताया और तोड़ा जाना बेहद जरूरी करार दिया.
नई दिल्लीः 1947 में आजाद तो पूरा एक प्राद्वीप हुआ था, लेकिन उसके दो हिस्से बने. एक बड़ा हिस्सा जो भारतवर्ष बना और एक छोटा हिस्सा पाकिस्तान बना, जिसके नापाक इरादों से हम क्या पूरी दुनिया ही वाकिफ है. समय-समय पर पाकिस्तान के जाहिलपने के उदाहरण मिलते रहते हैं.
इसके साथ ही पाक पीएम इमरान खान नियाजी के उस झूठ की पोल भी खुलती रहती है जिसमें वह अल्पसंख्यकों के हितों के सरंक्षण का सफेद झूठ बोलते हैं.
घर बनाने के दौरान निकली थी मूर्ति
पाकिस्तान की आवाम की छोटी सोच एक बार फिर जगजाहिर हो गई है. दरअसल यहां एक भवन निर्माण के दौरान हो रही खुदाई में महात्मा बुद्ध की मूर्ति निकली तो निर्माण में जुटे ठेकेदार-मजदूर ने चकनाचूर कर दिया.
उन्होंने इसे नापाक बताया और तोड़ा जाना बेहद जरूरी करार दिया. इसके साथ ही वह लगातार काले पत्थर की मूर्ति पर हथौड़े चलाते रहे.
पत्रकार नायला इनायत ने ट्वीट किया वीडियो
इस घटना का वीडियो ट्विटर पर वायरल हो गया. पाकिस्तान की जाहिलियत को खुलकर सामने लाने वाली पत्रकार नायला इनायत ने इस वीडियो को ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि एक प्राचीन बुद्ध की प्रतिमा तख्त बही में निर्माण कार्य के दौरान खुदाई में पायी गई.
इसे तुरंत तोड़ दिया गया. नायला लिखती हैं कि मूर्ति सिर्फ इसलिए तोड़ दी गई क्योंकि तोड़ने वाले यह मानते थे कि अगर इसे नहीं तोड़ा गया तो उनके निकाह मान्य नहीं रह जाएंगे.
ऐतिहासिक धरोहर हो सकती थी मूर्ति
यह मूर्ति एतिहासिक धरोहर हो सकती थी. इसकी बनावट-शैली से इसकी प्राचीनता का अंदाजा लगाया जा सकता है. सभ्यता के विकास के क्रम को समझने में सहायक हो सकती थी बौद्ध प्रतिमा. वीडियो में दिख रहा है कि मूर्ति की ऊंचाई आदमकद है और गहरे काले पत्थर से बनाई गई है.
मूर्ति पर कपड़ों की चुन्नट और सिलवटों की धारियां भी दिख रही है. पाकिस्तान का कुछ क्षेत्र सिंध घाटी सभ्यता के अध्ययन का प्रमुख क्षेत्र है.
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